"मेरे दिन की शुरुआत करती तुम और वो चाय का प्याला" "मेरे दिन की शुरुआत करती तुम और वो चाय का प्याला"
इस तरह एक और भारतीय मध्यम वर्गीय बहुराष्ट्रीय कंपनी द्वारा अपनी मर्जी से ठगा गया इस तरह एक और भारतीय मध्यम वर्गीय बहुराष्ट्रीय कंपनी द्वारा अपनी मर्जी से ठगा गया
मर नहीं जाऊँगी अगर तुम खाना बनाने नहीं आओगी। मर नहीं जाऊँगी अगर तुम खाना बनाने नहीं आओगी।
सुबह शाम एक ही काम रहता है तुम्हारा, कभी गुल्ली डंडे तो कभी क्रिकेट! सुबह शाम एक ही काम रहता है तुम्हारा, कभी गुल्ली डंडे तो कभी क्रिकेट!