नलिनी की आँखों में आँसू फूल पर गिरी ओस के मानिंद चमक रहे थे ! नलिनी की आँखों में आँसू फूल पर गिरी ओस के मानिंद चमक रहे थे !
पानी के बिना मनुष्य का जीवन असंभव पानी के बिना मनुष्य का जीवन असंभव
अब नलिनी भी नील की बाहों में टूट कर बिखर जाना चाहती थी। अब नलिनी भी नील की बाहों में टूट कर बिखर जाना चाहती थी।
एक समय था जब मैंने पहली बार समुंदर देखा । एक समय था जब मैंने पहली बार समुंदर देखा ।