Indu Karamunge

Children Stories

5.0  

Indu Karamunge

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अभी सुधर जाओ वक्त नहीं बचेगा

अभी सुधर जाओ वक्त नहीं बचेगा

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यह कहानी एक मैं चार पात्र है वह सब इस कहानी में किसी अनमोल चीज को भविष्य के लिए बचाना है इस सोच से उस चीज को ढूंढने और उस चीज को जमा करने के लिए जा रहे हैं और वह भविष्य में एक चीज जरूर अनजानी हो जाएगी नहीं तो कहीं पर खो जाएगी इस डर में थे इसीलिए वह लोग उसे ढूंढने निकले इस कहानी में जो पात्र हैं उनका नाम नदिया ,बादल ,समुंदर यह तीन मित्र है और इन्हें बहुत ही बड़ी चिंता सता रही है उस चिंता का नाम है पानी यह लोग आज एक सोच में डूब गए कि आने वाले भविष्य में पानी रहेगा कि नहीं रहेगा इसी सोच के साथ पानी को बचाएंगे और जो लोग भी पानी को बहुत ही बेकार और बुरी तरह से कलुषित कर रहे हैं इसीलिए यह चार लोग पानी का ज्यादा उपयोग किन चीजों में किया जा रहा है और यह लोग क्यों कलुषित कर रहे हैं और समस्याएं हमारी इन हरकतों की वजह से आने वाले समय में क्या आ सकती हैं इन्हें हम अब जानेंगे तो चलिए

नदिया समुंदर बादल 3 एक दिन मिलते हैं और वह अपने अपने बारे में एक दूसरे से बातचीत करते रहते हैं नदियां बोलती है पहले तो मैं इतनी निर्मल थी कि लोग मुझे पवित्र का नाम दे रहे थे आज मुझे इतना गंदा बना रहे हैं कि मैं अपवित्र हो जा रही हूँ आखिर लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं पहले मुझे महान बनाते थे अब मुझे को गंदा बना रहे हैं कलुषित करके तरह-तरह के जो गंदी चीजें हैं वह मुझ में बाहर रहे हैं और मुझे और गंदा बना रहे हैं मेरी यही समस्या मुझे परेशान कर रही है। तब समुंदर हां हां मुझे भी मेरा पानी कुछ अलग ही लग रहा है ऐसा लग रहा है कि पानी अब थोड़ा-थोड़ा करके खत्म हो जा रहा है मैं इतना बड़ा हूँ फिर भी मुझे ऐसा लग रहा है तो कोई तो समस्या होगी मेरा पानी पीने के उपयोग में नहीं आता फिर भी लोग फैक्ट्रियों और इनके आर्थिक कामों के लिए मेरा उपयोग हद से ज्यादा ही कर रहे हैं मुझे भी अब डर लग रहा है कि मेरा पानी खत्म ना हो जाए। बादल आप दोनों की समस्या भी मेरी समस्या से ही मिलती-जुलती है क्योंकि मैं भी परेशान हूँ कि आने वाले समय में मैं बस लूंगा या नहीं क्योंकि लोग कालूषय इतना बड़ा रहे हैं कि पानी थोड़ा-थोड़ा करके खत्म हो जा रहा है पर लोगों को इसकी भनक तक नहीं है वह अपने-अपने आरती कामों का लाभ देख रहे हैं और पानी का नुकसान कर रहे हैं उनको पता नहीं है कि आने वाले समय में तड़पना तो उन्हें ही है जब पानी नहीं रहेगा तो जीवन कैसे रहेगा और बादल कह रहा है कि अब मेरे बरसने की बात तो पुरानी हो जाएगी क्योंकि पानी ही नहीं रहेगा तो मेरा इस संसार में क्या काम इंसान इतना उपयोग पानी का कर रहे हैं कि उन्हें पता भी नहीं है कि भविष्य के लिए इन पर कितनी बड़ी समस्या आ सकती है मैं तो इनके इस पानी का अधिक उपयोग देखकर परेशान हो जा रहा हूँ कि आने वाले दिनों में मैं रहूंगा बरसने के लिए या नहीं रहूंगा तब नदी कहती है मुझे भी वही डर है अगर मेरा पानी स्वच्छ नहीं रहेगा तो वह पीने के काम नहीं आएगा लोग नदियों में कुछ भी हानी करने वाले चीजें फेंक रहे हैं उसकी वजह से कई नादान जानवर मेरा पानी पीते ही मर जा रहे हैं उनके प्राण चले जा रहे हैं और कहीं लोग नन्ही सी जान ए भी इस मेरे पानी को पीकर मर जा रहे हैं इस दृश्य को देखकर मुझे अपने आप को सहन नहीं हो रहा है कि मेरा पानी पी कर मर जा रहे हैं पर यह उन लोगों की हरकतें हैं जिन्होंने मेरी पानी में मिलावट कर रहे हैं अरे हम तो सब लोगों की प्यास मिटा ना जानते हैं बल्कि मारना नहीं हमें लोगों की प्यास मिटा कर आनंद मिलता है पर लोग हैं कि हमारे पानी में ही मिलावट कर रहे हैं और नादान जानवर उस पानी को पीते ही मर जा रहे हैं कई जानवर बीमार भी पड़ रहे हैं इन इंसानों के कर्मों के वजह से। समुंदर भी गुस्से में आकर कह रहा है कि अगर इंसान अब नहीं सुधरेगा तो कब सुधरेगा एक दिन ऐसा दिन आएगा पानी के लिए धरती तड़पेगी पूरे लोग एक घूंट पानी के लिए अपने आप को मार लेने तक पहुंचेंगे इसीलिए मैं लोगों से कह रही हूँ अभी तो सुधर जाओ वक्त है पानी का उपयोग उतना ही करो जितना करना चाहिए पर उससे ज्यादा लालची मत बनो आज पानी तुम्हें मिल रहा है पर कल न जाने तुम्हारी हरकतों की वजह से पानी भी अदृश्य हो जाए। बादल रहता है हमें ही कुछ करके इन लोगों को समझाना होगा नहीं तो समस्या अटल है तब नदिया कहती है हां हां हम तीनों को ही अब कुछ ना कुछ रास्ता ढूंढना होगा यह तीन लोग भी ऐसा सोच कर आगे का सफर करते हैं सफर करते करते यह तीनों थक जाते हैं एक पेड़ के पास बैठते हैं तब पेड़ उन्हें कहता है मुझे आपकी मदद करनी है क्योंकि मुझे भी लगता है कि पानी आने वाले समय में नहीं रहेगा इसलिए मुझे आपके साथ आखर पानी को बचाना है तब पेड़ को नदी कहती है तुम्हें कैसे पता कि पानी अब नष्ट होने वाला है तो फिर कहता है आप की वजह से आज मैं यहां सुरक्षित खड़ा हो मैं भी इन लोगों को देख रहा हूँ इनकी लालच को भी देख रहा हूँ कि पानी को कितना नष्ट कर रहे हैं मुझे भी इनका यह व्यवहार देखकर जो पानी का अधिक उपयोग बहुत ही अधिक उपयोग करना वह भी बेकार चीजों में जो कि शाश्वत नहीं है उनमें यह लोग पानी का उपयोग कर रहे हैं इस दृश्य को देखकर मुझे इन लोगों पर बहुत क्रोध आ रहा है और आप लोगों पर तरस आ रहा है और खुद पर भी तरस आ रहा है अगर पानी ही नहीं होगा तो मैं आने वाले समय में कैसे रह पाऊंगा मैं ही नहीं यह लोग भी नहीं रहेंगे जो कि बेकार चीजों के लिए पानी का उपयोग कर रहे हैं यह नहीं जानते हैं कि हम पानी को खरीद नहीं सकते। पेड़ की अवस्था देखकर नदियां बादल और समुंदर पेड़ को भी अपने साथ ले जाने की बात करते हैं और पेड़ नदियां बादल समुंदर तीनों अपना सफर आगे बढ़ाते हैं वह अब 4 लोग हो गए और वह सोचते हैं कैसे भी करके हम उन लोगों को रोक लेंगे नहीं तो हमें आने वाले समय में पानी का नाम तक नहीं पता चलेगा। वह चारों बहुत सफर करते हैं और एक शहर में पहुंचते हैं और वह वहां एक ऐसा दृश्य देखते हैं की वह परेशान हो जाते हैं वह दृश्य क्या है बोले तो एक इंसान एक छोटे से बोतल में कई बोतल लेकर पानी बेचता है उस दृश्य को देखकर वे लोग परेशान हो जाते हैं आजकल पानी भी बेच रहे हैं पानी का बेचना देखकर भी इंसानों को समझ में नहीं आ रहा है क्या कि पानी का महत्व कितना है और वह खत्म हो जा रहा है इसीलिए तो लोग उसे बेच रहे हैं यह बात भी लोगों की समझ में नहीं आ रही है क्या ऐसा समुंदर कहता है यह चार लोग भी परेशानी मैं ही रहते वहां देखते हैं कि हर एक व्यक्ति पानी को ₹10 में खरीद रहा है पर वह व्यक्ति एक बार भी नहीं सोच रहा है कि हम पानी को आज खरीद रहे हैं कल वह खरीदने के लायक भी नहीं बचेगा क्योंकि पानी ही कम हो जा रहा है इस बात को वहां पर कोई लोग नहीं सोच रहे हैं यह बात सोच कर नदी बादल समुंदर पेड़ आश्चर्यचकित हो गए हैं नदी कह रही है लोग पैसा कमाने में और अपनी प्रगति करने में इतना डूब गए हैं क्यों नहीं अपने आसपास जो पानी है वह खत्म हो जा रहा है यह बात नहीं पता चल रही है उन्हें पता नहीं कि क्या पानी को हम पैसे से खरीदा जा सकता है अगर पानी पूरी तरह से अदृश्य हो गया तो क्या पैसों से हम पानी को ला सकते हैं नहीं बिल्कुल नहीं ला सकते पर यह लोग इतना बड़ा दिमाग लेकर भी एक बार भी नहीं सोच रहे हैं कि वह पानी का उपयोग कम करें। नदिया बादल समुंदर पेड़ और आगे बढ़ते हैं वह एक फैक्ट्री के पास जा पहुंचते हैं जहां नदियों से पाइपलाइन करके पानी फैक्ट्री में लेकर और जो फैक्ट्री से हानिकारक पानी समुंदर में छोड़ा जा रहा है उस दृश्य को देखकर वह तो बहुत ही दुखी हो जाते हैं क्योंकि यह लोग पानी को कितन गंदा बना रहे हैं जो कलुषित पानी है लोग समुंदर में छोड़ रहे हैं अगर कोई दूसरा व्यक्ति समुंदर का पानी किसी दूसरे काम के लिए उपयोग करेगा तो उसे हानि पहुंच सकती है यह बात तक वह व्यक्ति नहीं सोच रहा जो गंदा पानी समुंदर में फैला रहा है वह भी एक इंसान है कोई दूसरा इंसान उस पानी का उपयोग करेगा यह बात उसके दिमाग में नहीं आ रही थी और वह गंदे पानी को समुंदर में छोड़ते ही जा रहा था और वह अच्छी तरह से पैसे कमा रहा था यह दृश्य देखकर समुंदर को इतना गुस्सा आया कि वह सह नहीं पाया कि एक इंसान कि दूसरे इंसान के नष्ट का कारण बन रहा है बल्कि इंसान ही नहीं कई जानवर भी इस कार्य से हनी हो सकते हैं जो कि इंसान कर रहे हैं समुंदर को इतना गुस्सा आता है कि वहां अपने आप को रोक नहीं पाता तब नदी कहती है कि तुम गुस्सा करके भी यह लोग नहीं सुधर सकते अब हमें ही कुछ करना होगा ऐसा सोचकर वह आगे बढ़ते हैं एक जगह जाते हैं वहां कई लोग पेड़ काट रहे होते हैं और पेड़ का दिल टूट जाता है यह दृश्य देखकर तब समुंदर को भी गुस्सा आता है वह कहता है अगर पेड़ ही नहीं रहेंगे तो बादल कैसे बनेंगे क्या लोगों को इतना भी दिमाग नहीं है कि पेड़ काटने से बारिश नहीं होगी और बारिश नहीं होगी तो इनका जीना मुश्किल हो जाएगा यह लोग खुद अपने बारे में ही नहीं सोच रहे हैं और हमारा ही गला काटने पर उतर आए हैं अभी ने ऐसे भी करके एक बड़ी समस्या को इनके ऊपर फेंक ना ही होगा ऐसा समुंदर, पेड़ ,नदियां बादल कहते है। पेड़ कहता है कि यह दृश्य देखकर मेरे दिल को बहुत ही ठेस पहुंची है मैं भगवान से एक ही विनती करने वाला हूँ कि मेरी निर्मिती और एक बार इस संसार में मत करना क्योंकि यहां के लोग दूसरों के दिलों को समझने वाली नहीं है। पानी कल बिल्कुल अदृश्य हो जाएगा ऐसे में ठान के कह सकता हूँ क्योंकि इनका यह बर्ताव देखकर मुझे अब पता चला है कि यह लोग नहीं बदल सकते हमें ही कुछ करके इनको बदलना होगा ऐसा 4 लोग भी कुछ सोचते हैं कि कैसे लोगों को रास्ते पर लाया जाए तब बादल कहता है 1 साल में बरसना छोड़ दूंगा और नदियां कहती है 1 साल में सूख जा कर इन्हें दिखाऊंगी और समुंदर कहता है कि मैं भी सुख जाऊंगा पेड़ कहते हैं मैं भी नहीं अपने मैं भी सुख जाऊंगा

बाद में 1 साल ऐसा आता है कि लोग बारिश का इंतजार करते हैं पर बारिश होती ही नहीं है और नदियों का पानी लाने के लिए निकलते पर नदियां भी सूख जाती है पेड़ के फल खाने के लिए जाते हैं पर फल भी नहीं लगते क्योंकि पेड़ भी पानी के बिना सूख जाता है समुंदर का पानी पीने के लिए सोचते हैं पर समुंदर का पानी भी पी नहीं सकती अब क्या करें ऐसी सोच में पूरी दुनिया पड़ जाती है। तब बादल समुंदर नदियां और पेड़ उनको देखकर कहते हैं कि अब यह लोग कुछ दिनों के बाद सुधरेंगे इनको अब पानी का महत्व पता चलेगा। लोग यहां वहां पूरी दुनिया में इधर उधर फिरते रहते हैं पर पानी का उसे एक बूंद तक नहीं मिलता और वहां के लोग परेशान हो जाते है वह वैसे ही पैसे ही बैठ जाते हैं पूरी दुनिया की सब नदियों को जाकर देखते हैं पर नदियों में एक बूंद तक पानी नहीं रहता और बादल कि और देखते हैं पर बादल निकलते ही नहीं और कभी बरसते भी नहीं पेड़ के फल खाने के लिए सोचते हैं पर पेड़ भी सूख जाते हैं और उनको एक पल भी नहीं मिलता पानी के बिना वहां अपनी प्यास बुझा नहीं सकते और उनके पास पैसे तो बहुत होते हैं और खाने की चीजें भी रहते हैं पर वह चीजें पानी के बिना खाने के लायक नहीं बनती उसे बनाने के लिए भी पानी ही जरूरी होता है इसलिए वह अपनी भूख तक नहीं मिटा पाते ऐसे ही यह लोग तड़प तड़प कर जीते हैं इनको पानी को हमने ही अपने हाथों से गवाया है और हमारा जो भी आज अवस्था है वह हम खुद ही जिम्मेदार है उसके हमने ही तो पानी को गंदा बनाया और बहुत ही बहाया और पेड़ों को भी काटा इसीलिए तो आज इतनी बड़ी समस्या हम पर आई है ऐसा वह लोग समझ जाते हैं पर अब कुछ नहीं कर सकते क्योंकि लोगों ने पानी का उपयोग इतना किया है कि धरती पर पानी ही नहीं बचा सब लोग एक-एक करके अपने प्राणों को गवा रहे थे क्योंकि प्यास को बुझाने के लिए पानी की आवश्यकता होती है जो कि पानी उनके पास आज नहीं है कल तक तो वह लोग पानी को बेबुनियाद उपयोग करके पैसे कमा रहे थे और अच्छी तरह से रह रहे थे पर आज पानी ही नहीं है धरती पर तो ए लोग पैसे होते हुए भी अपने प्राणों को गवा रहे हैं क्योंकि पानी पैसे से नहीं आता इसीलिए मैं कहती हूँ कि भगवान ने हमें जो कुछ भी दान में दिया है उसका उपयोग हमें उतना ही करना चाहिए जितना करना है बल्कि लालच में आकर बेबुनियाद उपयोग नहीं करना चाहिए आज इन लोगों की जो अवस्था हुई है जो प्यास से मर रहे हैं वैसी अवस्था हमारी भी आने वाले समय में होगी अगर हम पानी का उपयोग जरूरत से ज्यादा नहीं करेंगे तो इसीलिए सबसे मेरी एक ही विनती है कि पानी का उपयोग उतना ही कीजिए और पानी को कलुषित मत कीजिए जो कि हम सब जिसे पवित्र समझ हैं उसे ही अपवित्र कर रहे हैं नदिया बादल समुंदर पेड़ इन सब से ही हमारा जीवन जुड़ा है बल्कि पैसे से हमारा जीवन नहीं जुड़ा है और जुड़ भी नहीं पाता क्योंकि पैसे से जीवन को खरीदा नहीं जाता इसीलिए जो भी भगवान ने हमें वरदान के रूप में इस संसार में इस धरती पर जो बादल और पेड़ नदिया समुंदर प्रकृति इसे अच्छी तरह से संभल कर रखना चाहिए यह हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण आज से हम पानी को बहाना जरूरतमंद से ज्यादा बहाना रोक देंगे और जितना उपयोग करना है उतना ही उपयोग करेंगे क्योंकि पानी के बिना मनुष्य का जीवन बस आना असंभव होता है इसीलिए आज से पानी को हम अच्छी तरह से उपयोग करेंगे और कालू सीट भी नहीं करेंगे ऐसा मैं सब से निवेदन करती हूँ


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