राजा ने एक ही पल में अपनी तलवार से मूर्तिकार की मूर्ति का सिर धड़ से अलग कर दिया। राजा ने एक ही पल में अपनी तलवार से मूर्तिकार की मूर्ति का सिर धड़ से अलग कर दिया...
ना! इतनी शीघ्र हत्या नहीं करूँगी मैं उसकी,मैने तो उसे स्वर्णमहल में बंदी बनाकर रखा! ना! इतनी शीघ्र हत्या नहीं करूँगी मैं उसकी,मैने तो उसे स्वर्णमहल में बंदी बनाकर र...
मेरी आत्मा मुझे हर क्षण धिक्कारती रहती है मित्र! मेरी आत्मा मुझे हर क्षण धिक्कारती रहती है मित्र!
मुझे एक सूत पुत्र का प्रणाम स्वीकार नहीं है, तू इस वन में क्यों आया है, मुझे एक सूत पुत्र का प्रणाम स्वीकार नहीं है, तू इस वन में क्यों आया है,