जैसे जैसे मैं बड़ी होती जा रही थी, वैसे वैसे हमारे घर के आँगन में लगा वो तुलसी का पौधा भी माँ के प्रे... जैसे जैसे मैं बड़ी होती जा रही थी, वैसे वैसे हमारे घर के आँगन में लगा वो तुलसी का...
ये कहानी आप जरुर पढ़े ,ऐसी प्रेम कहानी जो आपको रुला देगी ये कहानी आप जरुर पढ़े ,ऐसी प्रेम कहानी जो आपको रुला देगी
एक गूढ़ पहेली है जिंदगी, कितनी अनपेक्षित और हैरानी भरी एक गूढ़ पहेली है जिंदगी, कितनी अनपेक्षित और हैरानी भरी
हिंदी तो अविरल गंगा है इसे निर्मल निर्झर बहने दो। हिंदी तो अविरल गंगा है इसे निर्मल निर्झर बहने दो।
हम चारों ने जो शब्द बोले है उन्हें इकट्ठा करके देखते है हम चारों ने जो शब्द बोले है उन्हें इकट्ठा करके देखते है