देखा जाए तो आज गोविन्द सबके पास हैं । देखा जाए तो आज गोविन्द सबके पास हैं ।
बच्चों को तो इतना चाव होता था कि रात्रि में बेसब्री से लाइट जाने का इंतज़ार करते बच्चों को तो इतना चाव होता था कि रात्रि में बेसब्री से लाइट जाने का इंतज़ार करते
लोग, अपने जरूरत के हिसाब से आपको देखते हैं। लोग, अपने जरूरत के हिसाब से आपको देखते हैं।