"जो औरत इस तरह रस्सी पर चलती है उसे क्या कहते हैं....माँ" "नटिनी कहते है बेटा।" राजी ने कहा। "जो औरत इस तरह रस्सी पर चलती है उसे क्या कहते हैं....माँ" "नटिनी कहते है बेटा।" ...
शाम को जब वह मुन्ने को पीठ पर बांध निकलती तो सब उसे झूले वाली माँ कह कर बुलाने लगे थे। शाम को जब वह मुन्ने को पीठ पर बांध निकलती तो सब उसे झूले वाली माँ कह कर बुलाने ल...
सड़को पर बच्चों संग तमाशा और करतब करने वाले लोगो के जीवन पर प्रकाश डालती रचना और उनके अधिकारों पर भी ... सड़को पर बच्चों संग तमाशा और करतब करने वाले लोगो के जीवन पर प्रकाश डालती रचना और ...
मगर इस वाले कानू में सुख था, संतुष्टि थी और गर्व था। मगर इस वाले कानू में सुख था, संतुष्टि थी और गर्व था।
।उनका मानना है कि रस्सी अभी भी उन्हें पकड़ सकती है। ।उनका मानना है कि रस्सी अभी भी उन्हें पकड़ सकती है।
ठीक है शहजादे, अब इसके सिवा और कोई चारा भी तो नहीं है, राज बोली। क्रमशः___ ठीक है शहजादे, अब इसके सिवा और कोई चारा भी तो नहीं है, राज बोली। क्रमशः___