पर न अब ना ‘मेरा’ राहुल होगा ना ही स्तुति उसकी क्यूंकि कभी थी ही नहीं। पर न अब ना ‘मेरा’ राहुल होगा ना ही स्तुति उसकी क्यूंकि कभी थी ही नहीं।
आँखें मिचमिचा कर मुस्कुराते हुए अनुग्रह प्रकट किया। आँखें मिचमिचा कर मुस्कुराते हुए अनुग्रह प्रकट किया।
मुफ़्त की रोटी (बेलारूसी परीकथा) अनुवाद: आ. चारुमति रामदास मुफ़्त की रोटी (बेलारूसी परीकथा) अनुवाद: आ. चारुमति रामदास