अपने साथ पूरे घर वालों की सोच बदल डाली और बड़ी बहू होने का फर्ज भी बखूबी निभाया। अपने साथ पूरे घर वालों की सोच बदल डाली और बड़ी बहू होने का फर्ज भी बखूबी निभाया।
क्या पता, पर मैंने ख़ुद देखा है, भीतर दो लोग एक साथ बंद हैं।" क्या पता, पर मैंने ख़ुद देखा है, भीतर दो लोग एक साथ बंद हैं।"
मैंने देखा कि एक छम्मकछल्लो सी सुंदरी मटकती हुई हमारे घर आयी। मैंने देखा कि एक छम्मकछल्लो सी सुंदरी मटकती हुई हमारे घर आयी।