हम साकार संसार में केवल एक या दो आयामी जीवन जीते हैं। हम साकार संसार में केवल एक या दो आयामी जीवन जीते हैं।
लेकिन यह काम कभी भी लोभवश मत करना। जब घोर संकट हो तभी इस विकल्प को अपनाना। लेकिन यह काम कभी भी लोभवश मत करना। जब घोर संकट हो तभी इस विकल्प को अपनाना।
उसने अपनी ख़ुशी अपने अंदर ही जो ढूंढ ली थी। उसने अपनी ख़ुशी अपने अंदर ही जो ढूंढ ली थी।
ज्ञान की मुरली का स्पष्ट और विस्तृत भावार्थ भी समझ लेना जरूरी है। ज्ञान की मुरली का स्पष्ट और विस्तृत भावार्थ भी समझ लेना जरूरी है।
ऐसी ही स्थिति थी और ऐसा समय फिर आएगा जब फिर से यही स्थिति होगी। ऐसी ही स्थिति थी और ऐसा समय फिर आएगा जब फिर से यही स्थिति होगी।