फिर क्या था,हमारी मुलाकातें बढ़ने लगी और हम ने एक-दूसरे को दिल से अपना मान लिया। फिर क्या था,हमारी मुलाकातें बढ़ने लगी और हम ने एक-दूसरे को दिल से अपना मान लिया।
परदेशी निरुत्तर सा उसके चेहरे पर अपनेपन की भाव भंगिमा को एकटक पढ़ने का प्रयास करता रहा...। ( शेष अ... परदेशी निरुत्तर सा उसके चेहरे पर अपनेपन की भाव भंगिमा को एकटक पढ़ने का प्रयास करत...
चल म्हारे साथ फेरे डलवा ले रानी बनाक रखूंगा रानी चल म्हारे साथ फेरे डलवा ले रानी बनाक रखूंगा रानी