निशि डाक- 9 निशि डाक- 9
अगली सुबह जब ओवेश उठा तो उस का मन निशि को देखने का था। अगली सुबह जब ओवेश उठा तो उस का मन निशि को देखने का था।
माँ के स्नेह आंचल के बाहर भी उसने पहली बार ही कदम रखा था माँ के स्नेह आंचल के बाहर भी उसने पहली बार ही कदम रखा था