लेखक : निकोलाय गोगल अनुवाद : आ. चारुमति रामदास “वही है, बिल्कुल वही !” मेजर कवाल्योव बड़बड़ाया।........ लेखक : निकोलाय गोगल अनुवाद : आ. चारुमति रामदास “वही है, बिल्कुल वही !” मेजर कव...
भैया यह कहते हुए दुकान से निकले," साले ने मुझसे ज्यादा पैसा लिया था। भैया यह कहते हुए दुकान से निकले," साले ने मुझसे ज्यादा पैसा लिया था।
औरतें डर गई कहीं खाना न खतम हो जाय, इसलिए औरतों ने गारी गाना बंद कर दिया और पंगत में बंदरों ने हमला ... औरतें डर गई कहीं खाना न खतम हो जाय, इसलिए औरतों ने गारी गाना बंद कर दिया और पंगत...