जल्लादों ने फुर्ती से नई रस्सी बांध मिया को परलोक डिलीवर किया। जल्लादों ने फुर्ती से नई रस्सी बांध मिया को परलोक डिलीवर किया।
नहीं उसने एक दरिन्दगी की थी जिसकी सजा उसे फाँसी के रूप में मिली है। नहीं उसने एक दरिन्दगी की थी जिसकी सजा उसे फाँसी के रूप में मिली है।
“सबको ऐसा ख़ज़ाना नहीं मिलता! ये जादुई दस्ताना है – विजय का दस्ताना... क़िस्मत ने इसे जानबूझकर तेरे ... “सबको ऐसा ख़ज़ाना नहीं मिलता! ये जादुई दस्ताना है – विजय का दस्ताना... क़िस्मत न...