तुम कभी खुश रहने दोगे, तभी तो रहूंगी, सियादुलारी बोली। तुम कभी खुश रहने दोगे, तभी तो रहूंगी, सियादुलारी बोली।
आशावान रहकर स्वीकार्य करना ही विकल्प था। आशावान रहकर स्वीकार्य करना ही विकल्प था।
भगवान किसके भाव के भूखे हैं ? वृद्धा के या सेठ जी के?" भगवान किसके भाव के भूखे हैं ? वृद्धा के या सेठ जी के?"
बालक तो बहुत ही अच्छा है, अत्यधिक संस्कारों वाला भी लगता है, बालक तो बहुत ही अच्छा है, अत्यधिक संस्कारों वाला भी लगता है,