कभी-कभी गलतियाँ हो जातीं है हमसे अनजाने कभी-कभी गलतियाँ हो जातीं है हमसे अनजाने
कम से कम तुम्हें मेरी तरह बेजार और निशब्द मेरे सामने खड़ा नहीं होना पड़ेगा। कम से कम तुम्हें मेरी तरह बेजार और निशब्द मेरे सामने खड़ा नहीं होना पड़ेगा।
इसी आस में अलविदा मेरे शहर "पौड़ी", फिर मिलने की उम्मीद में। इसी आस में अलविदा मेरे शहर "पौड़ी", फिर मिलने की उम्मीद में।
आशा को हमेशा विजय जी तिरस्कृत करते आए थे, पर आज जब रूचि ने उन्हें कहा की अगर झाड़ू सीधा खड़ा करने से ल... आशा को हमेशा विजय जी तिरस्कृत करते आए थे, पर आज जब रूचि ने उन्हें कहा की अगर झाड़...
टेस्ट करो तो भी पिघलती है और वेस्ट करो तो भी पिघलती है !! टेस्ट करो तो भी पिघलती है और वेस्ट करो तो भी पिघलती है !!