हर इंसान अपना घोंसला वहीं बनाता है, जहाँ उसे दो-चार पैसे की आमदनी होती है। वर्ना कौन उस जगह को छोड़क... हर इंसान अपना घोंसला वहीं बनाता है, जहाँ उसे दो-चार पैसे की आमदनी होती है। वर्ना...
‘अमां ख़ां मियाँ हम नवाब ख़ानदान से है...’ भईया हमारे तो सैकड़ों लोगों से ये सुन-सुन कर कान पक गए...... ‘अमां ख़ां मियाँ हम नवाब ख़ानदान से है...’ भईया हमारे तो सैकड़ों लोगों से ये सुन...