मैं बेचारा वह चायवाला हूं जो पहले भी चायवाला था और आज भी चायवाला ही है। मैं बेचारा वह चायवाला हूं जो पहले भी चायवाला था और आज भी चायवाला ही है।
१४ दिन जब निकल गए तब नेहा की जान में जान आयी थी। १४ दिन जब निकल गए तब नेहा की जान में जान आयी थी।
इंटरनेट पर उपलब्ध वीडियो भी ग़रीब मरीज़ों के काम न आ पाने का उसे बहुत मलाल था। इंटरनेट पर उपलब्ध वीडियो भी ग़रीब मरीज़ों के काम न आ पाने का उसे बहुत मलाल था।