माँ इंदिरा देवी को खूब खरी खोटी सुनाता है। आप लोग इतना गिर सकते हैं। माँ इंदिरा देवी को खूब खरी खोटी सुनाता है। आप लोग इतना गिर सकते हैं।
तुम उड़ो, बहुत उठो पर मर्यादा में रहकर और यह सुनकर मैं पापा से लिपट गई। तुम उड़ो, बहुत उठो पर मर्यादा में रहकर और यह सुनकर मैं पापा से लिपट गई।
काश, कोई वो मनहूस लम्हे उसकी जिंदगी के पन्नों से निकाल कर बाहर फेंक दे । काश, कोई वो मनहूस लम्हे उसकी जिंदगी के पन्नों से निकाल कर बाहर फेंक दे ।
वह युग परिवर्तन की योजना बनाने लगा। वह युग परिवर्तन की योजना बनाने लगा।
कई श्रेष्ठ जनों ने मेरे काव्य पाठ का नं केवल श्रवण किया, बल्कि हौसला अफजाई भी की। कई श्रेष्ठ जनों ने मेरे काव्य पाठ का नं केवल श्रवण किया, बल्कि हौसला अफजाई भी की...
तुमसे परिचय हुआ हृदय का, मंज़िल मिली मुसाफिर को छुअन तुम्हारी मूरत देकर चली गई मन मन्दिर को ऐसा कुछ आ... तुमसे परिचय हुआ हृदय का, मंज़िल मिली मुसाफिर को छुअन तुम्हारी मूरत देकर चली गई मन...