कमरे की लाइट बंद थी, वे आकर पीठ में हाथ फेरने लगे कमरे की लाइट बंद थी, वे आकर पीठ में हाथ फेरने लगे
राजू की झुकी नजरें बता रही थी कि कुछ तो गल्त हुआ है।रोहन का गुस्सा देखकर डर लग रहा था। राजू की झुकी नजरें बता रही थी कि कुछ तो गल्त हुआ है।रोहन का गुस्सा देखकर डर लग र...
तभी मैंने एक असहनीय दर्द सा महसूस किया तभी मैंने एक असहनीय दर्द सा महसूस किया