STORYMIRROR

Vimla Jain

Children Stories

4  

Vimla Jain

Children Stories

वह मछुआरा

वह मछुआरा

4 mins
229

मछली पालन का व्यवसाय करने वाला समुदाय मछुआरा कहलाता है।यह लोग समुद्र नदी सब जगह से मछलियां पकड़ते हैं, और मछलियों को बेचते हैं ।

यही उनका व्यवसाय होता है। यह लोग अपनी नावों को लेकर पानी में दूर-दूर तक जाते हैं। मछलियां पकड़ने के लिए जाल डालते हैं ,जाल में मछलियां फंसती हैं। उनको निकाल कर फिर उनको अलग अलग छांट कर बेचने के लिए टोकरीओ में भर के लेकर जाते हैं। ऐसा मैंने गोवा में देखा था। एक मछुआरे की कहानी मछुआरा घर में बच्चों को रोता बिलखते देख इस बेहद खराब मौसम में भी मछली पकड़ने के लिए समुंद्र किनारे जाता है। अपनी नाव को खोलता है। सब लोग मना कर रहे होते हैं की तूफान आने वाला है। तू समंदर में मत जा फंस जाएगा। मगर उसको तो रोते बिलखते बच्चे ही नजर आते हैं । और वह किसी की एक नहीं मानता, और निकल पड़ता है अपने मिशन पर। अभी थोड़ी ही दूर गया होता है कि समुद्र में तूफान आने लगता है। और उसकी नैया डोल ने लगती है। उसको कुछ संभालता है। इसने जाल समुंदर में डाला हुआ होता है सुबहसे। देखता है की नैया डोल रही है तो जाल को खींचने लगता है काफी भारी लगता है जाल। तो वह सोचता है कोई बात नहीं आज तो मेरे को बहुत सारी मछलियां मिल जाएंगी। मैं फटाफट यहां से निकल जाता हूं। मगर जब वह जाल पूरा खींच कर के ऊपर लेता है तो देखता है उसमें एक छोटा बच्चा फंसा हुआ है।एकदम से उसको निकालता है ।और क्या देखता है की सांस तो चल रही है।

अब उसको बचाने के लिए फटाफट में समुद्र के किनारे जाता है। बहुत मुश्किल से उसकी नैया समुद्र के किनारे पर पहुंचती है।उसमें से एक दम से कूद करके उस बच्चे को गोदी ले कर के उसको उल्टा लिटा कर उसका पेट से पानी निकलता है बहुत सारा पानी निकलता है। फिर वह अच्छी तरह सांस लेने लगता है ।उसको पकड़ कर के गोदी में उठाकर वह घर लेकर आता है ।और बहुत ध्यान रखता है उसके कपड़े वगैरह बदल देता है।और फिर उसको जब थोड़ा अच्छा लगने लगता है अच्छी तरह होश आ जाता है।तब उसको कुछ खाने के लिए देता है। तब तक उसको कुछ पूछता नहीं है ।जब सब ठीक हो जाता है।

तब उससे पूछता है तो वह लड़का बताता है कि वह किस तरह से पानी में किनारे खेलते खेलते एक बड़ी सी लहर आई उसको अपने साथ वापस ले गई।उसके मम्मी पापा भी पास में ही थे। मगर यह तो लहर के साथ में नहीं आए ,मगर वह खींचकर पानी में पहुंच गया और डूबने लगा। फिर पता नहीं क्या हुआ। उसको यह भी पता नहीं था कि वे कहां थे और वह कहां रहता है। वह मछुआरा उस बच्चे को अपने पास रख लेता है सोचता है, थोड़ा मौसम ठीक हो जाए उसके बाद इसके मां-बाप का पता लगा लूंगा। दो-तीन दिन में जब तूफान का खतरा खत्म होता है, मौसम थोड़ा ठीक होता है । तभी पुलिस और कुछ लोग उसकी बस्ती में आकर उस बच्चे की पूछताछ कर रहे थे ।यह देखकर खुश होता है और बच्चे को हाथ पकड़ के लेकर जाता है और पूछता है कि पुलिस के साथ में जो लोग हैं उनको तुम जानते हो। तो वह दूर से देखकर बोलता है हां वह मेरे मां-बाप है यह बहुत खुश होता है ।और उसके मां-बाप को बुलाकर यह बच्चा सौंप देता है इसके मां-बाप उसको बहुत धन्यवाद देते हैं. और बोलते हैं तुमने मेरे बच्चे की जान बचाई उसको कुछ रुपये देना चाहते हैं।

अगर वह मछुआरा मना कर देता बोलता है यह मेरा कर्तव्य था ।मुझे सबसे ज्यादा खुशी यही है कि बच्चा अपने मां बाप के पास पहुंच गया । भगवानका लाख-लाख धन्यवाद करता हूं कि इस बच्चे के मां-बाप मिल गए।

बच्चे के मां बाप बहुत दुआएं देते हुए वहां से जाते हैं। वह बच्चा दो-चार दिन में ही मछुआरे के परिवार से इतना घुल मिल जाता है, कि वह तो बच्चों का दोस्त बन जाता है । और मछुआरे को बोलता है काका आप मेरे से मिलने आओगे । आप मेरे घर जरूर आना और मैं भी आपके घर आऊंगा मुझे आपके साथ बहुत अच्छा लगा। और खुशी-खुशी अपने मां-बाप के साथ चला जाता है।


Rate this content
Log in