स्वादिष्ट व्यंजन
स्वादिष्ट व्यंजन
भाई बहन का रिश्ता कितना प्यारा होता है, कितनी यादें जुड़ी होती है बचपन की। उस समय जिन छोटी बातों को लेकर हम झगड़ा करते थे आज सोच कर भी हंसी आती है। कितना भी झगड़ लें पर बाद में एक की बार तो आपस कितनी भी लड़ाई हो पर पर मां, पापा के सामने एक दूसरे का साथ दे उसे बचा लेते।ऐसा ही वाकया आज भी याद है मुझे हम गाज़ियाबाद में रहते थे और मां और पापा फरीदाबाद मासी के पास गये थे। भाई को खीर खाने की इच्छा हुई पर मां तो खाना बनाकर गई थी। अब अगर बनाते तो वो खाना बचा रहता भाई ने कहा मैं कुछ बंदोबस्त कर दूंगा बस हमने खीर और पूड़ी बना कर खाई।रसोई भी पूरी तरह साफ़ कर दी। भाई ने अपने दोस्तों को खाना खिला दिया था। इस प्रकार वो हम तीनों के (दो बहन -एक भाई) अलावा उस स्वादिष्ट खाने के बारे में किसी को पता ही नहीं चला।