स्ट्रॉन्ग वुमन
स्ट्रॉन्ग वुमन
कुछ दिन पहले एक पाठक का मुझे मेल आया। 'आप स्त्री विमर्श पर अच्छा लिखती हैं।' उस पाठक ने मेरी तारीफ़ की लेकिन अगले ही लाइन में उसने लिखा था की आपके कहानियों की स्त्री पात्र कुछ मज़लूम सी होती है ...आप कहानियों में चित्रित स्त्री पात्र को स्ट्रांग क्यों नहीं दिखाती हैं? क्यों नहीं आप उन्हें स्ट्रांग दिखाती है?
मेल में लिखी दो बार वाली लास्ट लाइन से मुझे बहुत अचरज हुआ।झट से मैने अपना ऑनलाइन स्टोरी पब्लिशिंग वाला एप् ओपन किया और अपनी कहानियां पढ़ने लगी।आज मैं अपनी लिखी कहानियों को एक पाठक के तौर पर पढ़ रही थी।मुझे मेरी हर कहानियों की स्त्री पात्र या यूँ कहे नायिकाएँ बेहद स्ट्रांग लग रही थी क्योंकि जिंदगी को वे अपनी तरह से जीने की कोशिश करती हुयी दिखती थी। कई कहानियों में वे अपना रास्ता खुद बनाती थी।
मुझे लगा शायद वह स्त्री पात्र मज़लूम लगती थी क्योंकि वे पुरुष के पीछे न भागकर अपनी मंजिल खुद तय करती थी। एज पर देयर पॉइंट ऑफ़ व्यू पुरुष उसे छोड़ देता था...
इंडिपेंडेंट थॉट वाली स्त्री तो बेहद स्ट्रॉन्ग होती है। क्या वह मज़लूम होती है भला?