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Dr. Chanchal Chauhan

Children Stories Classics

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Dr. Chanchal Chauhan

Children Stories Classics

सत्संग महत्व

सत्संग महत्व

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यह कहानी है सत्संग के महत्व की ।हम किस तरह के समुदाय व व्यक्ति के साथ रहते है इसका प्रभाव हमारे जीवन में बहुत पड़ता है ।

कुसंगति जैसे शराबी नशेडी आदि के साथ रहेंगे तो इसकी लत से हम अछूते नहीं रह जाएंगे । 

"काजल की कोठरी में कैसो ही सयानो जाय ।

एक लीक काजल की लागे है तो लागे है"।।


इसी प्रकार सुसंगत सत्संगी हमे बुराइयों से दूर अच्छे कमो की ओर ले जायेंगे ।

कहानी है कि एक भंवरा हर रोज फूलों के एक बाग के पास से गुजरता । वहाँ एक गन्दा नाला बहता और उस नाले में एक कीड़ा रहता था । एक दिन उस भँवरे की नजर कीड़े पे पड़ी और उसने सोचा ये कीड़ा कैसे इस नाले में रहता है। भँवरे ने कीड़े से पूछा- 'तुम इस गन्दी जगह में कैसे रहते हो।' कीड़ा बोला- 'ये मेरा घर है।' भँवरे ने कीड़े से कहा- 'चलो मैं तुम्हे जन्नत की सैर करवाता हूँ। तुम मेरे साथ चलो और मुझसे दोस्ती कर लो।' भँवरे ने कहा- 'मैं कल आऊँगा तब तुम मेरे साथ चलना ।


अगले दिन भँवरा कीड़े को अपने कन्धे पर बिठाकर बाग में ले जाता है, और कीड़े को एक फूल पर बिठाकर खुद फूलों का रस चूसने चला जाता है। शाम को कीड़े को ले जाना भूल जाता है। जिस फूल में कीड़ा बैठा था वो फूल शाम को बन्द हो जाता हैं। तो कीड़ा भी उसी में बन्द हो जाता है। 


अगले दिन माली फूल तोड़ता है और फूलो की माला बना कर मन्दिर भेज देता हैं। वही माला भगवान के गले में पहना दी गयी। सारे दिन के बाद माला यमुना में प्रवाहित कर दी गयी। वो कीड़ा ये सब देख रहा है। कीड़ा कहता है- 'वाह रे भँवरे तेरी दोस्ती ने मुझे भगवान का स्पर्श करवा दिया और अन्तिम समय यमुना जी मे प्रवाहित करवा दिया।' 


ये भंवरा हमारे जीवन में सत्संगी है जो हमे भगवान और हम का एकीकरण में सहायता करता है। ये सत्संगी श्रीजी कृपा से ही मिलता है।



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