STORYMIRROR

Pratibha Jain

Children Stories

2  

Pratibha Jain

Children Stories

सीख़

सीख़

1 min
123

रविवार का दिन था। स्कूल और कोचिंग की छुट्टी थी। फ्री होने के कारण नेहा अपने पापा की शॉप(दुकान) पर पहुँच गई वहाँ खड़ी हो काका को बहुत देर से देख रही थी की सिलाई करते हुये काका कैंची को पैरो के पास ही छोड़ देते है, जबकि सुई को अपने कुर्ते में लगा लेते है। यह देख अब नेहा से रहा न गया उसने पूछ ही लिया काका आप कैंची को पैरो में डाल देते हो और सुई को संभाल कर कुर्ते में रख लेते हो, काका ने बहुत ही अच्छा जवाब दिया, बेटा जो काटता है उसका स्थान पैरों में ही होता है जो सिलता है उसको संभाल कर रखना होता है उसका स्थान गोद में होता है।



Rate this content
Log in