श्रापित तलवार
श्रापित तलवार
रात को मैं सैर करने जा रहा था। अचानक एकदम से धरती हिली। मेरे आगे सड़क दो-फाड़ हों गई, मैं नीचे ही नीचे गिरता जा रहा था।मैं पाताल लोक में पहुंच गया था,एक सुंदर से आलीशान महल में था।अचानक वहां सैनिकों ने मुझे पकड़ा,और अपने राजा-रानी के पास ले गए।
राजा एक भयानक रूप वाला राक्षस था,उसने मुझे मारकर खाने का आदेश दिया।
तभी मैंने एक सैनिक की तलवार खींच ली, तलवार से मैंने आनन-फानन में सबको मारा।अब बस वहां पर एक मैं और एक रानी बची, रानी ने मुझसे विवाह करने को तैयार किया।
जैसे ही हमारी शादी हुई और मेरे हाथ बंध गए,रानी ने भयंकर अट्टहास किया और वो भूतनी बन गई।
राजा और सभी सैनिक भी अपने आप जीवित हो गए,वो एक श्रापित तलवार थी जो इंसान को शैतान बनाती।अब मैं भी एक शैतान बन सैनिकों की टुकड़ी में था,श्रापित तलवार कितने निर्दोषों को शैतान बनायेगी।
