Mamta Singh Devaa

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शादी समारोह...एक उदाहरण

शादी समारोह...एक उदाहरण

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" अरे यार ! इस ज़माने में कौन गाॅंव जाकर शादी करता है " राधिका फोन पर अपना गुस्सा अपनी प्रिय सहेली पलक पर उतार रही थी ।


" तू ही बता इस कोरोना टाइम में इससे सेफ और अच्छी जगह कहां मिलेगी ? " राधिका ने अपना पाॅइंट रखा ।


" उफ ! यहां कम लोगों को बुलाती शहर की फैसेलिटी गाॅंव में कहां मुमकिन है ? " पलक अभी भी गुस्से में थी ।


" तू आ तो सही 100 पर्सेंट गारंटी है तेरा गुस्सा यूं ना गायब हुआ तो कहना । " राधिका अपनी प्रिय सखी को मनाने की पूरी कोशिश कर रही थी ।


" चल तू भी क्या याद करेगी...ओके बाय कहती हुई पलक ने फोन काट दिया । " 


आखिरकार दस दोस्तों की टोली ना नुकुर करते पहुंच ही गई राधिका के गाॅंव माहेपुर । गाजीपुर का एक गांव माहेपुर जहां की हवा को शहर की हवा ने मलिन नही किया था अभी तक ।


बस से उतरते ही चहक पड़े सबके सब...ओ माई गॉड व्हाट अ फ्रैश एयर राधिका ने लगभग चिल्लाते हुए कहा तभी एक आदमी जिसने सफेद पगड़ी पहनी हुई थी पास आया और बोला " आप सब पलक बिटिया के दोस्त लोग हैं ? " हमारी हां सुनते ही हमारे समान उठाकर सामने खड़ी दो कारों में रखने लगा था कि दोनों कार के ड्राइवर भी उतर कर उसकी मदद करने लगे ।


सवारी पलक के घर की तरफ चल दी रास्ते में पलक एक पिक्चर हॉल को देखकर बोली " यहां भी लोग पिक्चर देखते हैं ? 


" नही बिटिया जी अब नही देखते हैं...पहले देखते थे...ये हमारे यहां का इकलौता सिनेमा हॉल है ' यमुना टाॅकीज । "


" क्यों अब क्यों नही देखते हैं ? राधिका ने पूछा । "


" बिटिया किसी ने अफवाह फैला दी की इसमें भूतों का बसेरा है । "


" भूतों का बसेरा है... अभी भी ऐसी बातों पर लोग विश्वास करते हैं ? "


" क्या बताएं बिटिया यहां सब भेड़ चाल चलते हैं । "


कुछ देर में सब पलक के घर पर थे घर भी क्या शानदार एकदम महल जैसा । दरवाज़े पर होने वाली दुल्हन अपने दोस्तों के स्वागत में खड़ी थी ।


" दूर से ही हाय हैलो , पहले सब नहा धो लो फिर गले मिलेंगे पलक ने हॅंसते हुए कहा । "


" ओके ओके दुल्हन साहिबा हम यूं गये और यूं आये । "

" मोहन चाचा इन्हें इनके कमरों तक पहुॅंचा दिजिए पलक ने अधेड़ उम्र के एक व्यक्ति से बड़े ही प्यार से कहा । "


कुछ देर बाद सब पलग से गले मिल रहे थे लेकिन राधिका के दिमाग में पिक्चर हॉल वाली बात तेजी से घूम रही थी , सब खा पीकर घर की छत पर चले गये और राधिका पलक के पास ही नीचे रूक गई ।


" एक बात बता पलक ये जो तेरे गाॅंव का पिक्चर हॉल है उसके बारे में तुझे पता है ? "


" अरे मुझे क्या सारे गाॅंव वालों को पता है लेकिन इन्हें समझाये कौन ? "


" हम समझायेगें राधिका ने कुछ सोचते हुए कहा । "

 

" जल्दी बता क्या चल रहा है तेरे दिमाग़ में पलक उतावली होती हुई बोली ? "


" बताती हूॅं बाबा इसलिए तो तेरे पास रूक गई हूॅं । "


" मुझे पता था तूने ज़रूर कुछ ना कुछ अच्छा ही सोचा होगा । "


" सुन पलक तू अंकल से बोल की तेरी मेहंदी और संगीत यमुना टाॅकीज में करें अलग ही मज़ा आयेगा और ये भूत वूत जैसी बकवास बातों से छुटकारा भी मिल जायेगा । "


" आईडिया तो तेरा जबर्दस्त है बस पापा मान जायें... कोशिश करती हूॅं मैं । "


राधिका ये बात बताने उपर छत की तरफ भागी...उसे लग रहा था कि अगर ये बात अंकल ने मान ली तो गांव वालों का उद्धार हो जायेगा , राधिका की बात सुनकर सारे दोस्त बहुत खुश हुये उनको लगा कि कुछ अच्छा काम हो जायेगा शादी के चलते ।


" तुम सब लग जाओ संगीत की तैयारी में और मैं पलक के परिवार से कहती हूॅं कि वो भी तैयारी करें कम लोग हैं तो क्या....गाॅंव वालों को भी शामिल कर लेंगे , जमींदार जी को भला कौन मना करेगा वो भी बिटिया की शादी के लिए ये बोलती हुई राधिका नीचे चल दी । "


दोपहर का खाना खाने के बाद सब पलक के कमरे में ही पसर गये ।


" यार तेरा घर तो लगता ही नही की गाॅंव में है क्या ठाठ हैं सीमा नीचे कार्पेट पर मसनद के सहारे लेटती हुई बोली । "


" सच में सीमा बड़े मज़े हैं इसके...रीमा ने हां में हां मिलाते हुए कहा । "


" मुझे तो राधिका का आईडिया बहुत मस्त लगा स्वीटी ने कहा । "


" राधिका... राधिका चिल्लाती हुई पलक अंदर आई । "


" आराम से आराम से पलक हम सब यहीं हैं कहती हुई राधिका हॅंस पड़ी । "


" पता है एक खुशखबरी है पापा मान गये और ये बात सुनकर बहुत खुश हुये और एक आईडिया उनकी तरफ से भी आया है कि उस दिन वहां खाने का इंतज़ाम गाॅंव वाले करेंगे ढाबा स्टाईल... एकदम ट्रेडिशनल खाना रहेगा। "


" अरे वाह फिर तो मज़ा ही आ जायेगा राधिका चहक उठी । "


" नीचे चल पापा तेरी तारीफ में कसीदे काढ़ने के लिए बेचैन हुए जा रहे हैं पलक राधिका का हाथ पकड़कर उठाती हुई बोली । "


संगीत और मेहंदी का दिन मुरली टाॅकीज की काया पलट हो चुकी थी पहचान में ही नही आ रहा था... पूरा फूलों से सजा हुआ अंदर स्टेज़ की सजावट तो शानदार की थी गाॅंव वालों ने ।


मेहमान आने लगे एक - एक कुर्सी छोड़कर सबके

बैठने का इंतज़ाम था बाहर मास्क दिये जा रहे थे सैनेटाईज़ किया जा रहा था ।


स्टेज़ पर राधिका माइक पकड़कर सबका स्वागत कर रही थी... 


" आप सभी आदरणीय जन का दिल से स्वागत है...


' आये हैं हम सब मिलकर

पलक - सुमित की संगीत संध्या पर

सर्वप्रथम अराधना करें हम सब इनकी

विघ्नहर्ता , मंगलमूर्ति , सिद्धिविनायक गजानन की '


गजानन से विनती के बाद सबसे पहले आ रही हैं दुल्हन की दोस्त लोग....


' दुल्हन की दोस्तों को देखो

मन ही मन ठाना है

हमारा रिश्ता सबसे प्यारा

ये सबने माना है '


दोस्त लोगों ने मिल कर जो धमाल मचाया की हम सबका न खुश हो गया...अब आ रहे हैं दुल्हन के गाॅंव वाले...


' लगती हैं रिश्ते में सब

कोई भईया कोई भाभी 

कोई चाचा कोई चाची

करते सब दुल्हन से लाड़

प्यार इनका सांची - सांची '


भाई मान गये इनके प्यार को सबने तो रंग जमा दिया...अब दिल थामकर बैठिए अपना जलवा दिखाने आ रहे हैं हमारे होने वाले जीजा जी अपनी होने वाली दुल्हनिया के साथ....


' आये हैं पलक - सुमित

ताल - नृत्य को साधने

अपने पहले परिचय से

सबको प्रेम पाश में बांधने '


संगीत चल रहा था सब होने वाले दुल्हा - दुल्हन के नृत्य से मुग्ध हो आशीर्वाद दे रहे थे तभी राधिका ने सबको भोज के लिए आमंत्रित करते हुए बाहर चलने को कहा , सब लोग जब बाहर आये तो वहां एक शामियाने से बनी दीवार को हटाया गया अंदर का नज़ारा देखते ही सबकी ऑंखें फटी की फटी रह गईं ।

शामियाने के अंदर तरह तरह के नाश्ते की दुकान लगी थी दो बड़े ढाबे बने थे एक तरफ कढ़ाई में दूध उबल रहा था और उसके बगल में मिठाई की पूरी दुकान ही लगी थी ।


   सबने खूब आनंद लेकर खाया और मुखिया जी को तो जैसे यकीन ही नही हो रहा था वो दुल्हन को आशीर्वाद देते हुए बोले ' बिटिया आज तुम्हारे शादी के शुभ कार्य से गाॅंव वालों का और इस यमुना टाॅकीज का जो भला हुआ है उसको मैं शब्दों में बयान नही कर सकता । अरे ये सब इसकी दोस्त राधिका का कमाल है जिसने इस शादी को समारोह में बदल दिया जमींदार जी ने राधिका के सर पर हाथ फेरते हुए कहा... नही अंकल मेरा तो बस आईडिया था उसको पूरा करने में सारे गाॅंव वालों ने जी जान लगा दिया । इनकी वजह से अगर यमुना टाॅकीज में भूतों का बसेरा हो गया था तो इनकी ही वजह से भुतों से मुक्त होकर ये उम्मीदों का बसेरा हो गया है । अब गाॅंव वालों के सब शुभ समारोह यहीं से संपन्न होंगे ये सुनकर सबके चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई सबको रोज़गार का बहुत बड़ा सहारा जो मिल गया था ।



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