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Pratibha Jain

Children Stories Comedy

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Pratibha Jain

Children Stories Comedy

राकेश की टैक्सी

राकेश की टैक्सी

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रोज की तरह आज फ़िर स्कूल में ताला लगा हुया था जब राकेश की टैक्सी पहुँची। जैसे ही टैक्सी दरवाज़े पर खड़ी हुई सब हँसने लगे तो एक छोटी सी बच्ची रोने लगी रोने की आवाज जैसे ही आई सब उस बच्ची हो देख कर और जोर से हँसने लगे। राकेश जोर से सबको चुप बोलता और प्यार से उस बच्ची से पूछता "क्या हुया बताओ बेटा? रोते हुये बच्ची बोलती आज पहली बार मेरे लिये स्कूल का गेट बंध हुया? मेरा रेकॉर्ड टुट गया।" पास खडा एक लड़का बोलता है, "अरे रो मत आज से तुम्हारा एक नया रिकॉर्ड शुरू होगा जब तक राकेश भाइया की टैक्सी में आओगी हमेसा स्कूल का ताला बंद मिलेगा,और इतनी तेज धूप में खड़ा भी नहीं होना पेड़गा। देखो वहाँ सबको कैसे डंडे मार रहे औऱ अपन कितने मज़े में खड़े है। वहाँ कोई भी चेकिंग चलती रहे अपन सबसे फ्री है,और सबसे एक अच्छी बात राकेश की टैक्सी नहीं यह "नवाब की टैक्सी है!"यह सुन राकेश भी हँसने लगता है। सब पूछने लगे "वो कैसे?"

"अरे देखो न हेडमास्टर रोज खुद गेट खोलने आ रहे हैं। आज क्या बोलना याद है न सबको?" सब बोलते याद है तभी छोटी बच्ची बोलती "क्या बोलना ?" राकेश बोलता "तुम पीछे रहो इन लोगो को देखो क्या करते है लेट होने के बाद कैसे एंट्री लेते हैं।" सर आये और गेट खोलते ही बोले सब बहार रहो तुम लोग जिंदगी में भी टाइम से नहीं आ सकते हो?रिकॉर्ड बना कर रखें हो?सब एक साथ बोलते "सॉरी सर।"

" कोई सॉरी नहीं, बताओ कैसे लेट हुये?" सब एक साथ बोलते है "सर वो बिल्ली रास्ता काट गयी थी।" हेडमास्टर हंसते हुये "नालायको तुम लोग भी झूठ में राकेश का साथ देने लगे हो। जाओ सब अंदर।"



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