राजेश और शुभम
राजेश और शुभम
एक गांव में राजेश और शुभम नाम के दो भाई रहते थे। शुभम बड़ा और राजेश छोटा भाई था। दोनों अपने माता पिता के लाडले थे। माता-पिता दोनों आपने बेटों को अच्छी शिक्षा और संस्कार देना चाहते थे। दोनों बच्चे हमेशा अपने माता-पिता के हर बात मानते भी थे।
एक बार उनके गांव में बाढ़ आने लगी। इसमें बहुत सारे लोगों का बहुत सारा नुकसान होने लगा। राजेश और शुभम के पापा दोनों बच्चों को अपने साथ लेकर जरूरतमंद लोगों का मदद करने के लिए निकल पड़े। छोटा भाई राजेश को लोगों का मदद करने में एक अलग ही खुशी मिलती थी, जबकि शुभम को इन सब से कोई दिलचस्पी नहीं था। राजेश अपने पापा के साथ मिलकर काफी सारे लोगों का मदद किया और शुभम वहां से कुछ काम है कहकर चला गया। इन बाप बेटे से मदद पाकर काफी सारे लोग खुश होने लगे और ढेर सारी दुआएं देने लगे।
अब एक बार राजेश और शुभम मिलकर गांव में घूमते वक्त अनजाने में एक जंगल की ओर चले गए और वहां गुम हो गए। दोनों एक दूसरे से भी अलग हो गए। पूरे एक रात उन्हें जंगल में ही गुजारना पड़ा। गांव वाले यह बात जानकर बच्चों की मदद करने के लिए निकल पड़े। गांव वाले दोनों बच्चों को जंगल में ढूंढ लिए। मगर सब लोग शुभम को छोड़कर पहले राजेश की मदद करने के लिए निकल पड़े , क्योंकि राजेश ने सबकी मदद की थी। अब राजेश की बहुत सारी विनती के बाद सारे गांव वाले मिलकर शुभम को ढूंढने लगे। कैसे राजेश गांव वालों की मदद किया था और कैसे गांव वाले मिलकर राजेश का मदद करने के लिए आगे बढ़े यह देख कर शुभम इस वक्त अच्छे से समझ चुका था कि मदद करना किसे कहते हैं। शुभम यह भी समझ चुका था कि उसके माता-पिता मिलकर क्यों अच्छे संस्कार देना चाहते थे। अब शुभम एक अच्छा इंसान बनने का ठान लिया। गांव वालों के वजह से दोनों बच्चे सुरक्षित होकर घर लौट पाए।