Mitali Sharma

Children Stories Drama Action

3  

Mitali Sharma

Children Stories Drama Action

प्रलय का संकेत........

प्रलय का संकेत........

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सुबह की किरण निकलते ही हिरणों का झुंड समुद्र के किनारे से जा रहा था कि तभी एक हिरण को महसूस हुआ की जमीन हिल रही है और पानी का बहाव भी बढ़ रहा है। यह देख कर, वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा कि प्रलय आने वाली है भागो, भागो प्रलय आने वाली है। यह सुन सभी जानवर भागने लगे और जंगल में छुप गए। एक दिन बीत गया लेकिन सभी डरे हुए थे की प्रलय कभी भी आ सकती है। इसलिए कोई अपने घर से बाहर नहीं निकला लेकिन एक गधा निकल कर जाने लगा सभी ने बहुत रोका पर गधा, तो गधा ठहरा, वह किसी की बात क्यों सुने ? सबने सोचा आज तो यह पक्का मरेगा लेकिन रात होते ही गधा ठीक-ठाक जंगल में वापस आ गया जहां सब थे। यह देख लोमड़ी सोचने लगी ऐसा कैसे हो सकता है? वह हिरण से बोली तुम झूठ तो नहीं बोल रहे? हिरण बोला नहीं, मैंने जो देखा, जो महसूस किया वही बताया कोई झूठ नहीं बोला। अगर यकीन ना हो तो कल सुबह खुद ही समुद्र के पास चली जाना और देख लेना, सच! यह सुन लोमड़ी सोचने लगी कि अगर यह सच हुआ, और प्रलय आ गई तो, मेरी जान भी चली जाएगी लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और किरण निकलते ही समुद्र की ओर चल पड़ी। कहते हैं मान लिया तो हार होगी, लेकिन ठान लिया तो जीत होगी और लोमड़ी ने भी ठान लिया था कि वह सच जान कर रहेगी इसलिए सबके मना करने के बाद भी वह समुद्र के पास चली गई। सब कुछ शांत था, ना कोई हलचल, ना कोई आवाज, यह देख कर लोमड़ी वापस जाने लगी कि तभी धीरे-धीरे जमीन हिलने लगी और पानी में से कुछ आवाज आने लगी, मानो कोई बड़ा तूफान आ रहा हो, जिससे लहरें उफन रही है। धीरे धीरे आवाज तेज होती जा रही थी। लोमड़ी सोचने लगी कि सच में प्रलय आ रही है और अब शायद! मेरी मौत भी, लेकिन अगर बचना है तो भागना पड़ेगा और जान बचाने के लिए वह भागने लगी। इसी हड़बड़ी में वह जमीन पर गिर पड़ी और वह आवाज अब उसके नजदीक आ पहुंची। लोमड़ी कुछ सोचती कि तभी किसी आदमी की आवाज आई, यह देखो यहां एक लोमड़ी लेटी हुई है, पर अजीब तरीके से। यह सुन लोमड़ी ने पीछे देखा तो वह आदमी हंसने लगा और थोड़ी ही देर में गायब सा हो गया। लोमड़ी जंगल में आकर सबको बताती है कि कोई प्रलय नहीं आने वाली। यह सुन हिरण बोला नहीं मैंने खुद सुना था, लोमड़ी बोली कि तुमने जो सुना, जो महसूस किया वह सही था लेकिन वह आधा सच था। दरअसल जमीन हिल रही थी, पानी का बहाव बढ़ रहा था और आवाज भी आ रही थी क्योंकि एक बड़ा सा पानी का जहाज समुद्र के रास्ते से जा रहा था, वह जहाज काफी बड़ा था इसलिए वह सब कुछ हुआ लेकिन यह कोई प्रलय का संकेत नहीं था। यह सिर्फ जहाज के कारण था। बात समझ में आने पर हिरण ने अपनी मूर्खता पर माफी मांगी और सच जानने पर सभी जानवर खुशी से कूदने लगे। इसलिए कहते हैं कि अगर किसी बात की पूरी जानकारी ना हो, तो अधूरी बात की वकालत ना करना ही बेहतर होता है क्योंकि अधूरा ज्ञान, ज्ञान ना होने की अपेक्षा अधिक खतरनाक होता है।



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