...... चतुर चूहा.......
...... चतुर चूहा.......
सूरमा नगरी गांव में एक चतुर चूहा रहता था । वह बहुत होशियार और बुद्धिमान था । इसलिए सब ने उसका नाम चतुर चूहा रख दिया । लेकिन शेर और लोमड़ी को यह बात जमी नहीं इसलिए उन दोनों ने चूहे के सामने एक चुनौती रखी कि जो भी पहाड़ पार करके नदी तक पहुंच जाएगा, वही सबसे बड़ा बुद्धिमान होगा । शेर और लोमड़ी ने सोचा कि यह इतना छोटा है कि जब यह पहाड़ तक पहुंचेगा, तब हम नदी तक पहुंच जाएंगे और हम जीत जाएंगे । कि तभी लोमड़ी ने शर्त रखी कि अगर चूहा हार गया तो वह यह गांव छोड़ कर चला जाएगा और लौट कर कभी नहीं आएगा । चूहा मान गया और फिर तीनों एक साथ पहाड़ की ओर भागे, कुछ दूर जाने के बाद चूहा रुक गया और कुछ सोचने लगा यह देख लोमड़ी और शेर को लगा की चूहा ने हार मान ली, और दोनों तेजी से नदी की ओर भागे । दोनों नदी तक पहुंच गए लेकिन थकान के कारण प्यास लग गई इसलिए दोनों ने सोचा चूहा तो आने से रहा, चलो चलकर पानी पी लेते हैं, और जैसे ही पानी पीने नदी में उतरे, उन्होंने देखा कि, चूहा वहां बैठा सुस्ता रहा है । यह देख दोनों चौक गए, आखिर यह पिद्दी चूहा हम से पहले यहां कैसे पहुंच गया? दोनों ने चूहा से बोला "जरूर तुम जादू जानते हो , वरना तुम.... तुम इतनी जल्दी यहां कभी नहीं पहुंच सकते । बताओ कौन सा जादू जानते हो?" चूहा मुस्कुराता हुआ बोला "मैं कोई जादू नहीं जानता... बस.. दुनिया में सब कुछ करने की इच्छा रखता हूं, विश्वास रखता हूं अपने आप पर ।" शेर बोला "बात को घुमाओ मत यह बताओ तुम इतनी जल्दी यहां कैसे आए?? क्योंकि इतना तो हमें भी पता है कि यहां आने का दूसरा कोई रास्ता नहीं फिर तुम कैसे आए?" चूहा बोला "रास्ता होता नहीं, बनाना पड़ता है ।" लोमड़ी बोली "क्या मतलब?" चूहा बोला "मैंने खुद अपने लिए रास्ता बनाया, मैं उतना दूर घूम कर नहीं आया बल्कि मैंने पहाड़ खोदकर रास्ता बना लिया , देखो।" लोमड़ी और शेर देखकर हैरान रह गए क्योंकि उन दोनों ने इस बारे में कुछ नहीं सोचा था और यही गलती की ...कभी किसी को छोटा समझ कर उसकी निंदा नहीं करनी चाहिए क्योंकि एक छोटा सा पत्थर भी इंसान को मुंह के बल गिरा सकता है । कहते हैं हर लड़ाई बल से जीत सकते हैं लेकिन जंग के लिए बुद्धि की जरूरत होती है क्योंकि बल से लड़ाई जीत सकते हैं मगर बुद्धि से संसार जीत सकते हैं ।