प्रेम की भाषा
प्रेम की भाषा
"गौ माता, आज क्यों इतना रंभा रही हो, बहुत परेशान कर दिया है ।"
"ओ सुधा दीदी, क्या हो गया, क्यों सुबह-सुबह चीख चिल्ला रही हो ।"
"सुनैना, क्या बताये, जब से लक्ष्मी मायके गयी हैं ये गाय माता ने जीना दूभर कर दिया है इसलिए इन्हें आज नकेल लगा कर बाँध दिया है ।"
"सुनैना ये कैसा शोर मचा है घर के बाहर, जरा देखो तो ।"
"सुधा दीदी, आपने गाय माता को नकेल लगाकर अच्छा नहीं किया । भोली भाली गाय माता कितने कष्ट में थीं"बाहर लक्ष्मी बहना वापस आ गयी है, उन्हें देखकर,गाय माता ने सभी बंधन तोड़ डाले और देखिए बाहर कितना खुश हैं दोनों ।ये जानवर भी प्रेम की भाषा समझते हैं ।"
सुधा हतप्रभ सी देखती रह गयी ।
