Kameshwari Karri

Others

3.5  

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पिता का प्यार

पिता का प्यार

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लता बैठक में बैठी सुबह की बातों को याद कर रही थी जब सुहास से उसने राशन लाने के लिए पैसे माँगे तो उसने झिड़ककर कहा था व्यापार में घाटा हुआ है एक भी पैसा मेरे पास नहीं है लता कुछ कहती इसके पहले ही वह जोर से दरवाज़ा बंद कर बाहर की तरफ चला गया क्या करूँ कितना कहा था नौकरी मत छोड़ो व्यापार करना सभी के बस की बात नहीं सुने तब तो...

तभी डोर बेल की आवाज सुनाई दी कौन? शायद मेड होगी उठी नहीं क्योंकि दरवाज़ा तो खुला ही था, फिर एक बार बेल बजी ओहो ये कौन आ गया है सोचते हुए दरवाज़ा खोला, तो ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा क्योंकि पापा थे झट से गले लगी पर मन ही मन उदास हो गई क्योंकि पापा इतनी दूर से आए हैं खाना बनाकर खिलाने के लिए घर में कुछ भी नहीं था। 

पिता ने हँसते हुए कहा क्या बात है पिंकी अंदर नहीं बुलाएगी

अरे आइए पापा मैं आप ही के बारे में सोच रही थी और आपको सामने देख विश्वास ही नहीं कर पाई कि आप आए हैं । 

पापा को बिठाकर अंदर गई चाय बनाते बनाते सारे डिब्बों को छान मारा कहीं भी कुछ नहीं मिला चाय बन गई थी कप में डाल कर ले गई। पापा ने कब चाय पी कप रखने खुद रसोई में गए इसका ध्यान भी लता को नहीं था सोच रही थी अब मेरे घर की हालत पापा के सामने आ जाएगी क्या करूँ ? पापा आए और उन्होंने ने कहा बेटा मैं अभी आया पास में ही कुछ काम है निपटा लेता हूँ ।

लता ने सोचा सुहास को फ़ोन करूँ क्या ..पर नहीं सुबह की बातें अभी वह भूलीं नहीं थी तभी गेट के सामने रिक्शा रुका और पापा ने घर का पूरा सामान ला लिया था। सामान अंदर रखकर उन्होंने ने कहा सोच रही हो ना मुझे कैसे पता चला, सुबह जब मैं चाय की कप अंदर रखने गया तो मैंने देखा अनाज के सारे डब्बे खाली थे। कितने प्यार से मैंने तुम्हें पाला था सरकारी नौकरी है सुहास की आराम से जियोगी सोचा था नौकरी छोड़कर व्यापार में घुसेगा मैंने नहीं सोचा था। मेरे एक दोस्त ने बताया कि सुहास ने नौकरी छोड़ दी है और व्यापार में सारा पैसा लगा दिया और घाटे में आ गया। तुम्हें देखने मैं भागा भागा आया जैसे मैंने सोचा उससे भी बदतर तुम्हारी हालत है बेटा.....

लता शर्म से पानी पानी हो गई। पिता ने सर पर हाथ रखकर कहा बेटा सब दिन एक समान नहीं होते तुम्हारे भी अच्छे दिन आएंगे फिकर मत करो मैं हूँ ना। पापा ने जैसे कहा वैसे ही लता के भी दिन फिरे घर धन दौलत से भर गया। किसी ने सच ही कहा है कि जिस बेटी के सर पर पिता का हाथ हो वह गरीब कैसे हो सकती है ।




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