Kameshwari Karri

Others

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पहले स्पर्श का अहसास

पहले स्पर्श का अहसास

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2011 की बात है । बेटी की शादी हुए पाँच साल हो गए थे । हम नानी बनने की चाह में थे । हमें वह खुश खबरी नहीं मिल रही थी । जब भी किसी सहेली को नानी या दादी बनने की मिठाई बाँटते हुए देखती थी तो खुशी तो होती थी उनके लिए पर दिल में एक हूक सी उठती थी कि मेरी पारी कब आएगी । 

ईश्वर से प्रार्थना करती थी । एक दिन सुबह सुबह बेटी का फ़ोन आया शायद ईश्वर ने मेरी सुन ली मैं नानी बनने वाली थी । मैंने पूरे घर को सर पर उठा लिया था बार बार बेटी की बात याद करके अपने आप में मुस्कुरा उठती थी । बहुत ही मीठा सा एहसास था । अपनी सहेलियों को बताया कि मैं नानी बन रही हूँ । मजा उस समय आया जब हम तीन सहेलियाँ अपनी नानी बनने की ख़ुशी में नातिनों के लिए चाँदी की थाली एक बॉउल और चम्मच एक साथ ख़रीद कर लाए थे । पूरी तैयारियाँ जोर शोर से चलीं । सोचते थे कि सब ख़त्म हो गया फिर कुछ याद आ जाता था । मैं यह तो बताना ही भूल गई कि मुझे अमेरिका जाना था । हमने स्कूल में छुट्टी के लिए एप्लाई किया पर कहा गया कि रिजाइन करके जाओ तीन महीने के लिए नौकरी छोड़कर जाना सोच रहे थे कि कमेटी बैठी और हमें जाने की इजाज़त मिली ख़ैर खुश थे । वहाँ पहले ही बता दिया जाता था तो हमें मालूम हो गया था कि नाती है बस उसके हिसाब से शापिंग किया गया था । वह दिन भी आ गया जब मुझे निकलना था । कई दिनों से नींद आँखों से ओझल हो गई थी । मैं घर से निकल कर एयरपोर्ट पहुँच गई । वहाँ सामान ज़्यादा है कम करने के लिए कहा गया उधर से बेटी कहती है पैसे भर दीजिए चलिए किसी तरह मेरा वह प्राब्लम साल्व हो गया था । 


अमेरिका की ज़मीन पर पैर रखा पहली बार । बेटी दामाद लेने आए थे । बातें करते हुए घर पहुँच गए । हम सब खुश थे । मेरे वहाँ पहुँचने के दस दिन बाद 12अप्रेल को हम बेटी को अस्पताल लेकर गए थे । 

13अप्रेल सुबह नौ बजे नाती का जन्म हुआ था । मैं खड़े होकर उसे निहार रही थी । उसे छूने का गोद में लेने का बहुत मन कर रहा था । उसी समय वहाँ डॉक्टर पहुँच गए उन्होंने दामाद से पूछा "यह कौन हैं?" दामाद ने बताया था कि "यह नानी हैं" मुझे यह सुनकर अच्छा लगा जब उन्होंने कहा ग्रेनी की गोद में बच्चे को दो । नर्स ने मेरी गोद में मेरे नाती को दिया । उसका वह पहला स्पर्श मुझे आज भी याद आता है । मैं आँखें बंद करके उस स्पर्श के अहसास को महसूस करती हूँ । मेरी सारी तकलीफ़ें को उस पहले स्पर्श ने उड़न छू कर दिया था । मैं नानी बन गई थी । आज वही नाती 10 साल का हो गया है पर मैं उस स्पर्श को नहीं भूल सकती हूँ । उसे जब देखती हूँ उसका एहसास आज भी होता है । 



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