फ़ायदा
फ़ायदा
पिछले दिनों हमारे घर, हमारे एक परिचित आये.. जो शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं l वो बहुत बातूनी किस्म के हैं, इसलिए जब भी वो गप्पें मारना शुरू करते हैं, तो उन्हें समय का भी ध्यान नहीं रहता..! प्रायः वो छुट्टियों में आ ही जाते हैं, और इन दिनों ग्रीष्म कालीन अवकाश के चलते तो उनका हमारे घर में आना जाना लगा ही रहता है l
इसी तरह कल भी वो आए और बातों ही बातों में कहने लगे कि- "हमारे स्टाफ़ के कुछ लोग मिलकर इस वर्ष दक्षिण भारत जा रहे हैं l इस यात्रा में अनुमानित खर्च इतना आयेगा, और हम दस लोगों को इतने इतने इतना रुपये देने होंगे, और बाकी का रुपया हमारे विद्यालय के फंड का रहेगा l"
ये सुनते ही मैंने विस्मित होते हुए कहा - "फंड के रूपये..! वो कैसे..?"
तो वो चहकते हुए बोले - "अरे इन्हीं रुपयों के कारण तो हम लोग हर साल नई नई जगह घूमने जाते हैं..!"
मैंने इस बात को थोड़ा कुरेद कर खिसियाते हुए पुनः उनसे पूछा - "भाई साब,रुपये बच जाते हैं..? या आप लोग सैर सपाटे के लिए बचा लेते हैं.!"
तो प्रति उत्तर में उन्होंने कहा - "अरे, बचाते हैं भई..! इसी बहाने हम सब मित्रों का एक साथ घूमना फिरना भी हो जाता है!"
मेरे ज़्यादा हस्तक्षेप से बात ना बिगड़ जाये इसलिए मैं चाय बनाने के नाम से रसोई में चली गई... पर सरकार द्वारा दिया जा रहा फंड के रुपयों का *फ़ायदा*किस किसको मिल रहा है आज ये बात पूरी तरह से स्पष्ट जरूर हो गई... .!