कमाल का कालू
कमाल का कालू
भैरव शनि की करें सवारी ,
बच्चों के संग खेले गेंद ।
गाँव - गाँव खेती रखवाली ,
उसके होते घर न सेंद ।।
"बच्चों बताओ तो आज हम किसकी कहानी पढ़ने , सुनने वाले हैं?" कुछ बच्चों ने बताया कुत्ता और कुछ चुप बैठे रहे ।
" शाबाश बच्चों तुम लोगों ने सही अनुमान लगाया आज हम कुत्ते के बारे में ही पढ़ने वाले हैं. कमाल के पालतू कुत्ते का नाम कालू था. वह वफादार रखवाली करने वाला सजग शक्तिशाली जानवर है उसके होते कमाल के उपर कोई ऑच नहीं आ सकती थी वह घर की रखवाली करता था कमाल के बच्चे चीनू - मीनू उसके साथ खेलते व मस्ती करते थे कमाल जब अपने खेत जाता तो कालू भी उसके साथ जाता था बन्दरों के झुण्ड को एक अकेला कालू भौंक - भौंक कर भगा देता था बन्दर कालू से डरकर दूर पेड़ों पर भाग जाते थे । चोर तो कभी कमाल के घर की तरफ देखते भी नहीं थे कालू कमल के परिवार के सदस्यों की तरह ही रहता था । सभी लोग उसे प्रेम करते थे । एक दिन वह से कुछ आवारा साथियों के साथ चला गया वहां वह सड़ा हुआ मॉस खाकर आ गया कुछ दिन बाद वह पागल हो गया उसने लोगों को काटना शुरू किया लोगों ने उसे पकड़कर पंचायत के हवाले कर दिया । कुत्ता के काटने से लोगों को रेबीज नामक बीमारी हुई जिनके सरकारी अस्पतालों में तीन इंजेक्शन लगे और लोग ठीक अकेले झाड़फूक के चक्कर में नहीं रहना चाहिए । रेबीज बीमारी का प्रमुख लक्षण रोगी व्यक्ति आगी - पानी से डरता है । इस कहानी से हमें निम्न शिक्षायें मिलती हैं.
( 1 ) कुत्ता एक वफादार पालतू जानवर है ।
( 2 ) कुत्ता घर व खेत का रखवाला है।
( 3 ) पागल कुत्ते से बचकर रहना चाहिए ।
