Er Rashid Husain

Children Stories Tragedy

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Er Rashid Husain

Children Stories Tragedy

किट्टू

किट्टू

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आज घर में खाना नही बना था।घर के सभी लोग उदास थे खामोश थे। सब एक दूसरे का चेहरा देख रहे थे। कोई कुछ बोलता तो सिर्फ किट्टू का ही ज़िक्र करता उसी की बाते करते। क्योंकि आज हमारा किट्टू दूर बहुत दूर चला गया था।वो कम समय में ही परिवार का सदस्य बन गया था।वो सभी के साथ खेलता और सभी उससे प्यार करते थे आज घर में सुनसान थी और कोई परिचित या संबंधी सांत्वना देने भी नही आया।

यूं तो में हमेशा से ही घर में कोई भी पालतू जानवर या पक्षी पलने के पक्ष में कभी नहीं रहा फिर भी एक दिन बच्चे अपनी बुआ के घर से एक बिल्ली का बच्चा जो मात्र डेढ़ माह का था और बिल्ला था ले आए उसका नाम किट्टू रखा गया मुझे उस समय काफी बुरा लगा लेकिन बच्चो की मोहब्बत के आगे में कुछ कह न सका धीरे_धीरे वक्त गुजरने लगा बच्चे किट्टू के साथ बहुत खुश रहते में किट्टू से थोड़ा अलग _थलग ही रहता । में जब सुबह ऑफिस के लिए घर से निकलता तो किट्टू मेरे पीछे _पीछे छोटे _छोटे कदमों से दरवाजे तक आता जब में घर से बाहर निकल जाता तो वो लौट जाता शाम को जब में ऑफिस से घर लौटता तो किट्टू मुझे बड़ी मासूम नज़रों से देखता जब घर में टहलता तो वो घर की लॉबी के कोने में जहां उसके सोने बैठने के लिए एक छोटे गद्दे का इंतजाम किया गया था और टेडी बियर बॉल और कुछ खिलौने दे दिए गए थे जिनसे वह खेलता रहता था। वहां बैठकर मुझे गर्दन घुमा कर देखता रहता। यह सिलसिला यूं ही चलता रहा। एक दिन जब शाम को मैं ऑफिस से घर लौटा तो किट्टू मेरे पैरों में आकर लिपट गया और प्यार करने लगा इससे पहले कि मैं छुड़ाने की कोशिश करता वह प्यार करने लगा में हतप्रत उसे देखता रहा और कुछ ना कह सका फिर थोड़ी देर बाद उसने मुझे छोड़ा और अपनी जगह जाकर बैठ गया बच्चों को तो जैसे खिलौना मिल गया था वह उसके साथ खूब खेलते उसे गोद में उठाए_ उठाए फिरते सुबह जब स्कूल जाते तो उससे खेल कर जाते जब स्कूल से आते तो फिर उस में लगे रहते मैं इस बात से संतुष्ट था थी चलो बच्चों को मोबाइल देखने की लत से छुटकारा बच्चों को पढ़ाई के बाद जितना भी समय मिलता वह किट्टू के साथ गुजारते। किट्टू अब बड़ा होने लगा था और पूरे घर में उछल कूद करता रहता उसकी शरारतें अब दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही थी।

एक दिन देर रात को बहुत तेज आंधी बारिश होने लगी और बिजली चमकने लगी सभी लोग सोए हुए थे तब ही बादलों की तेज गरज से मेरी आंख खुल गई मैं उठा और अपने कमरे से बाहर आकर देखा तो किट्टू लॉबी के एक कोने में डरा सहमा हुआ बैठा था वह मुझे देखकर म्याऊं_ म्याऊं करने लगा मुझे लगा कि वह डर गया है।और मुझसे कुछ कहना चाह रहा है। मैंने उसको उठाया और अपने कमरे में ले गया जहां वह बारिश रुक जाने और बादलों की गरज बिजली की गड़गड़ाहट समाप्त हो जाने तक वही रहा उसके बाद बाहर आकर अपनी जगह लेट कर सो गया।

घर की लॉबी के एक कोने में जहां किट्टू का बिस्तर खिलौने रखे थे वहीं पर उसके खाने के लिए एक प्लेट और दूध पीने के लिए कटोरी और पानी पीने के लिए एक छोटा लोटा रख दिया गया था। घर में सुबह सबसे पहले जो उठता किट्टू उसको देखकर म्याऊं_ म्याऊं करने लगता और अपने खाने-पीने के बर्तनों की तरफ इशारा करता हम समझ जाते उसको भूख लगी है और खाने को दे देते उसके लिए फिक्र से कैट फूड बाजार से लाकर रखे जाते वह अपना खाना खाकर शांत हो जाता।

एक दिन रात को मैं अपने बिस्तर पर लेटा सोने की कोशिश कर रहा था और नींद का कहीं अता पता नहीं था मैं करवटें बदल रहा था उस दिन मां की बहुत याद आ रही थी

उनकी कभी ना पूरी होने वाली कमी का बहुत एहसास हो रहा था अचानक मुझे ख्याल आया कि जब मेरी मां इस दुनिया ए फानी से रुखसत हुई थी तब मेरी उम्र पैंतीस साल थी मुझे एकदम ध्यान आया अरे हमारा किट्टू तो मात्र डेढ़ माह का ही था जब वह अपनी मां से जुदा हुआ यह सोच कर मेरा दिल भर आया और उसके लिए मन में प्यार उमड़ने लगा और सोचने लगा अब तो हमारा परिवार ही उसका परिवार है। उसका ख्याल हमें ही रखना है ।उसको प्यार की जरूरत है। मैं जो उस से हटा बचा रहता था अब मेरे मन में उसके लिए प्रेम उमड़ आया अब मैं ऑफिस जाते और आते समय उसको देखता बातें करता यहां तक की ऑफिस से घर को फोन करके किट्टू की खैरियत लेता रहता। रात घर आने पर अब किट्टू मेरी गोद में आकर काफी देर तक बैठ जाता।

वक्त गुजर रहा था और यह सिलसिला यूं ही चलता रहा। किट्टू भी अब बड़ा हो गया था। अब उसकी इच्छा बाहर इधर-उधर घूमने की होती तो वह अक्सर छत पर चला जाता वहां छत से होते हुए पड़ोसियों के घर भी चला जाता। सभी पड़ोसी जान गए थे की वह हमारे घर का किट्टू है। किट्टू घर में रहे बाहर सड़क पर ना निकले इसके लिए हमेशा घर का मुख्य द्वार बंद रखते लेकिन एक दिन बे ध्यानी से घर का मुख्य द्वार खुला रह गया और किट्टू घर से बाहर चला गया इसी बीच गली के कुत्तों ने उस पर हमला कर दिया जैसे ही मैं बाहर निकला कुत्ते से उसे छुड़ाया तब तक वह किट्टू को काफी जख्मी कर चुके थे किट्टू लहूलुहान था वह मेरे पैरों पर आया सिर रखा और हल्की आवाज से एक बार म्याऊं की आवाज निकाली और हमेशा के लिए सो गया। मैंने उसे उठाया फिर एक कपड़े में रखकर नदी के किनारे ले गया जहां गड्ढा खोदकर उसे दबा दिया। जब मैं उसे दबा कर लौट रहा था तब मेरी आंखों में आंसू थे। घर आकर सबसे पहले मैंने बहुत सख्त लहजे में ताकीद की अब इस घर में कोई किट्टू नहीं रखा जाएगा क्योंकि जब कोई किट्टू हमेशा के लिए चला जाता है तब उसके जाने का गम भी इंसानों के जाने के गम के बराबर ही होता है।


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