कहावत
कहावत
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उस दिन रोटी बनाते बनाते आटे की लोई उसके हाथ से फिसल गई। अन्नू बहुत खुश हुई आज तो पक्का कोई मेहमान आएगा यह कहावत वह बचपन से सुनती आ रही थी और सुनती क्या कई बार आजमाई हुई भी थी। जब भी हाथ से आटे की लोई गिरी पक्का कोई ना कोई घर पर जरूर आया है, फिर चाहे तो रिश्तेदार हो या अखबार वाला डिस्क वाला या, कोई मांगने वाला ही क्यों ना हो पर जरूर कोई ना कोई तो आता ही था। आज उस बात को डेढ़ महीना हो चुका है पर कोई नहीं आया क्या लॉकडाउन ने या कोरोना ने पुरानी सटीक कहावतों को भी बदल दिया है या गलत साबित कर दिया है।