जंगल चला शहर होने -6
जंगल चला शहर होने -6
सारे जंगल में खबर फ़ैल गई कि स्कूल में जल्दी ही टीचर भर्ती किए जायेंगे।
हिप्पो जी ने साफ़ कह दिया कि बच्चे सर लोगों के बदले मैडम लोगों से ज़्यादा जल्दी सीखते हैं। इसलिए स्कूल में लेडी टीचर्स ज़्यादा रखी जाएंगी।
सारा दिन चरागाह में चरने वाली गाय और तालाब के पानी में बैठी रहने वाली भैंस की तो ये सुनते ही बांछें खिल गईं। दोनों के मन में लड्डू फूटने लगे। स्कूल सरकारी था। हिप्पो जी ने बाकायदा राजा शेर से अनुमति लेकर स्कूल बनाया था। वेतन तो अच्छा मिलना ही था।
गाय और भैंस दोनों ने हिप्पो जी से मिलने का मन बनाया। मगर एक दूसरी से छिप कर। आपस में कड़ी स्पर्धा जो थी।
उधर बकरी जब स्कूल पहुंची तो हिप्पो जी अपने कक्ष में बैठे कोई फाइल देख रहे थे। बकरी को उन्होंने फ़ौरन भीतर बुलवा लिया।
बकरी ने जब उन्हें अपने आने का मकसद बताया तो वो सिर खुजाते हुए बोल पड़े - बहन जी, आपने आने में थोड़ी देर कर दी। हमने अभी अभी स्कूल के बाहर जलपान का ठेला लगाने की अनुमति एक बंदर को दे दी है। यहां इतनी ज्यादा ज़रूरत तो है नहीं कि दो -चार कैंटीन या खाने पीने की दुकानें हों। हमारे यहां तो बच्चे घर से अपने खाने के टिफिन लेकर ही आयेंगे। कभी कभी नाश्ते के लिए थोड़ी बहुत चीजों की ज़रूरत होगी तो उसके लिए बंदर ठेला लगा ही लेगा। सॉरी।
बकरी मुंह लटका कर लौट गई।
उस दिन सुबह बड़ी सुहानी थी। राजा शेर अपने बगीचे में अपने परिवार के साथ बैठे हुए थे कि गार्ड ने आकर कहा - बाहर एक गैंडे महाशय आए हैं जो आपसे मिलना चाहते हैं। उनके साथ में एक बड़ा सा काफिला भी है। कई जेब्रा ड्राइवर्स इन गाड़ियों को चला कर ला रहे हैं।
राजा शेर ने फ़ौरन लोमड़ी और खरगोश को आदेश दिया कि देखें, क्या मामला है।
ओह! अद्भुत।
अफ्रीका के जंगलों में बड़ा बिज़नेस करने वाले राइनो सर आए थे और वो उपहार में राजा साहब को कुछ गाड़ियां भेंट करना चाहते थे। गाड़ियों में फरारी, बीएमडब्ल्यू, एम जी हेक्टर, मर्सिडीज आदि बड़ी गाड़ियों के साथ कुछ छोटी गाड़ियां और टू व्हीलर्स भी थे। राइनो सर की अगवानी के लिए तुरंत एडवाइजर साहब को भेजा गया और उनकी राजा साहब से भव्य मुलाकात करवाई गई। उनकी शानदार आवभगत भी की गई।
बातों बातों में गेंडे महाशय राइनो सर ने बताया कि वो अब अफ्रीका से यहीं शिफ्ट होना चाहते हैं और यदि उन्हें राजा साहब का सहयोग मिले तो वो यहां गाड़ियों का एक विशाल शो रूम डालना चाहते हैं। जंगल में वाहनों की कमी को देखते हुए ही उन्होंने ये निर्णय लिया है।
राजा साहब ये सुन कर गदगद हो गए।
राइनो सर ने बताया कि अगर कुछ आर्थिक सहायता मिले तो वो यहां सड़कों और सुविधाजनक रास्तों का जाल भी बिछाना चाहते हैं।
झटपट राजा शेर की अनुमति मिलते ही उनके स्टाफ के साथ सब बातें तय करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक निर्धारित कर दी गई।
युद्ध स्तर पर मांद महल के आसपास की पार्किंग को भी विशाल बनाने का काम शुरू हो गया।
हिप्पो जी की जिराफ़ से पुरानी दोस्ती थी। ये दोस्ती उन्हीं दिनों से चली आ रही थी जब ठिगने नाटे हिप्पो जी को पानी से बाहर आते ही बहुत ज़ोर से भूख लगी थी और वो किसी भी पेड़ से कोई फल नहीं तोड़ पा रहे थे क्योंकि वो वहां तक पहुंच ही नहीं पा रहे थे। तब दूर से उन्हें देखता जिराफ़ आया था और उसने हिप्पो जी को एक ऊंचे पेड़ से ताज़े नारियल तोड़ कर दिए थे। दोनों की दोस्ती उसी दिन से कायम थी।
ऐसे में अपने स्कूल के लिए जब टीचर भर्ती करने का मौक़ा आया तो हिप्पो जी ने जिराफ़ को सादर आमंत्रित किया और उससे कहा कि वो अपनी ऊंची गर्दन से दूर दूर तक नज़र डाले और कुछ अच्छे अध्यापकों को बुलाने में सहयोग करे।
जिराफ़ ने आनन फानन में टीचर बनने के इच्छुक पशुओं को बुला लिया और हिप्पो जी व जिराफ़ बैठ गए उनका इंटरव्यू लेने।
