Rahul Wasulkar

Children Stories

5.0  

Rahul Wasulkar

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बिल्ली रास्त काट गई..

बिल्ली रास्त काट गई..

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रोजाना की तरह आज भी चिंकू स्कूल गया था , चिंकू जो कि चौथी कक्षा का सुगम स्वभाव का होनहार विद्यार्थियों में से एक था।

पर आज चिंकू घर रोते हुए पहुँचा , और सीधे दादा जी के पास गया । 

चिंकू - "दादा जी दादा जी , आज का दिन बुरा है और बुरा होगा .. मुझे आपके साथ ही रहना है।"


दादा जी - "क्या हुआ बेटा ? रो क्यों रहें हो।"


चिंकू - "दादा जी , घर आते समय एक बिल्ली रास्ता काट गई , उसके बाद सब बुरा ही हो रहा है । मैं रास्ते में भी गिर पड़ा।"(अपनी चोटें दिखाते हुए )


दादा जी हंस पड़े ..और पूछा "किसने कहा तुमसे कि बिल्ली रास्ता काट गयी तो सब बुरा होता है।"


चिंकू - "सब कहते हैं मम्मी ने भी कहा था एक दिन।"


दादा जी - हंसते हुए, आओ तुम्हें समझाता हूं.. तुम क्यों गिरे।"


दादा जी - "देखो बेटा , तुम जब घर आ रहे थे तब बिल्ली ने रास्ता काटा ,सही ?"


चिंकू - "हाँ।"


दादा जी - "फिर बिल्ली रास्ते काटने के बाद तुम बस बिल्ली के बारे में सोचते रहे और ये सोचते रहे कि कुछ बुरा होगा ..बराबर ?" 


चिंकू - "जी।"


दादा जी - "बस यही , कारण है ।देखो चिंकू बेटा , यह जो संसार है यह पूरा ऊर्जा का गोला है इसमें सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ऊर्जा है।" 


जब तुम बिल्ली और कुछ बुरा होगा सोच रहे थे तब तुम अपने शरीर से नकारात्मक ऊर्जा छोड़ रहे थे .. जो वापस तुम्हारे पास आयी और तुम गिर गए ।

या यह भी हो सकता है कि तुम खुद गलती से गिरे और उस घटना को बिल्ली से जोड़ रहे हो

पर जो भी हो तुम्हारा ध्यान तो बिल्ली और उसे जुड़ी गलतफहमी के साथ ही था,जिस कारण तुम गिर पड़े। अगर ऐसा होता कि बिल्ली रास्ता काट गई तो बुरा ही होता है तो शायद तुम बिल्लियां देख भी नहीं पाते सबको बन्द करके रख दिया होता कहीं लोगों ने।" दादा जी ने हंसते हुए कहा।


चिंकू - "हम्म सही कहा दादा जी , मेरा ध्यान बस बिल्ली और बुरा होने वाला है यह सोच में ही था इसलिये मैं शायद गिर गया।"


दादा जी - "तो क्या सीखें इस घटना से ?" 


चिंकू - "कभी नकारात्मक नहीं सोचना और ..रास्ते पर हमेशा ध्यान केंद्रित रखना।"


दादा जी - "अगर यह नहीं किया तो क्या हो जायँगा?"


चिंकू - "एक्सीडेंट हो गया रब्बा रब्बा।" (कहते हुए चिंकू मम्मी के पास भाग गया )


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