प्रीति शर्मा

Others

4.7  

प्रीति शर्मा

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अयोध्या के लिए ट्रेन यात्रा -#

अयोध्या के लिए ट्रेन यात्रा -#

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#ट्रवल डायरी - 

कोई पूछे कि आपको सफर पर कहां जाना है और कैसे जाना है तो मेरा बिना सोचे उत्तर होगा- अयोध्या राम की नगरी और वो भी ट्रेन में रामभक्तों के साथ। 

वास्तव में ट्रेन का वो सफर सबसे यादगार है जो मेरे जीवन में एक विशेष स्थान रखता है और जिसने दिमाग के कपाट खोल एक नये विहंगम दृश्य का साक्षात्कार कराया।और ये बहुतों को प्रेरणा देने वाला है। आज भी मुझे वो दृश्य साक्षात वैसे ही याद है जैसे आज की ही बात हो।ये सफर था हाथरस जंक्शन से अयोध्या जाने का। समय था राममंदिर का आन्दोलन,जब वहां कारसेवा चल रही थी।हम बहुत से लोग कारसेवक के रूप में वहां जा रहे थे,जिनमें बूढे-बच्चे,अमीर-गरीब, जातिभेद, ऊंच-नीच की दीवारें कहीं दूर दूर तक नहीं दिख रही थीं।

सभी का एक ही डिब्बे में साथ-साथ बैठना-सोना, खाना पीना, हंसी-मजाक, भजन-कीर्तन अपने-आप में एक अनौखा भक्तिमय माहौल था।ऐसा शायद किसी ने कभी पहले ही देखा हो... और ट्रेन भी ऐसे चल रही थी मानो रास्ते में चलने वाले हरेक रामभक्त को बिठाकर ही ले जायेगी।

जहां भी जयश्रीराम का उद्घोष सुनाई पड़ जाता,ट्रेन वहीं रुक जाती। बेशक में यात्रा में बहुत ज्यादा वक्त लग रहा था क्योंकि हर जगह ट्रेन रुकते रुकते चल रही थी, चाहे वहां उसका स्टॉपेज था या नहीं जैसे ट्रेन का भी सिर्फ एक ही उद्देश्य था कि राम भक्तों कारसेवकों को अयोध्या तक पहुंचाना।और ट्रेन के अंदर डिब्बे का दृश्य वास्तव में रामराज्य का साक्षात दर्शन था।

भेदभाव से परे सौहार्द,भाईचारा,अपनापन यह सब जैसे एक साथ वहां एकत्रित हो गये थे।एक-दूसरे को जाने-पहचाने बिना खाने का आदान प्रदान, अचार जैसी छोटी चीज़ खाने के लिये मांग लेना जैसी बहुत सी बातें थीं जिन्होंने एक भेदभाव रहित अनूठे वातावरण का प्रत्यक्ष दर्शन कराया।भक्ति भाव में डूबे सभी आनन्दमयी हो गये थे। 

सच में यह रामराज्य की परिकल्पना का साक्षात दृश्य था।



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