अवज्ञा
अवज्ञा
मां गौरव को जगाती है
मां -"गौरव पाँच बज गए हैं। उठो ,आज 15 अगस्त है ।टीवी पर सभी ध्वजारोहण देखेंगे।"
गौरव- "माँ आज तो आजादी का दिन है न, आजाद भारत में आजादी से मुझे बस पूरे दिन सोने दीजिए।"
गिन्नी- "भैया तुम सोते ही रहोगे तो मैं नई वाली सफेद फ्रॉक पहन कर सोसाइटी का झंडा फहराने कैसे जाऊँगी ?मैंने तो जन -गण- मन याद भी कर लिया है ।मां -"गौरव आजादी का मतलब सारे नियमों से आजाद होना नहीं है ।नहीं तो...."
गौरव' (उठते हुए )"नहीं तो क्या मम्मी ?"
माँ -"उठ गए ।चलो ,आज सोसाइटी के ध्वजारोहण के बाद हम घूमने चलते हैं ।वही उसका मतलब समझाऊँगी ।"
(घूमने की बात सुनकर गौरव जल्दी से उठकर स्नानघर की ओर दौड़ता है।)
( मम्मी गौरव और विभु तीनों ऑटो में बैठते हैं। सिग्नल पर रेड लाइट पर सड़क क्रॉस करते हुए एक कार तेजी से जाती है और मोटरसाइकिल सवार गिर पड़ता है चौराहे पर भीड़ और जाम लग जाता है कार और मोटरसाइकिल वाले में लड़ाई होती है )
गिन्नी- "माँ मेरी अध्यापिका ने पढ़ाया था , जब भारत गुलाम था तो हिंदुस्तानी अंग्रेजों से लड़ते थे ।यह तो दोनों आजाद हिंदुस्तानी हैं, फिर क्यों आपस में लड़ रहे हैं ?"
माँ -गिन्नी ,आजाद भारत में सभी आजाद नागरिक अपने अधिकार को तो समझ रहे हैं परंतु कर्तव्य नहीं ।"
गौरव -(उत्सुकता से )"तो माँ क्या अधिकार और कर्तव्य दोनों अलग हैं?"
माँ-"हाँ, भारत देश की सीमा जहाँ तक है ,उसकी धरती पर हमारा अधिकार है ।हम जहां चाहे स्वतंत्रता से वहाँ जा सकते हैं ।'
गिन्नी -"फिर तो सिनेमा, मनोरंजन पार्क और चिड़ियाघर इन सभी जगहों पर हमें जाने का अधिकार होना चाहिए । गार्ड हमें रोकता क्यों है ?"
मां -"इसका उत्तर जानना चाहते हो तो कर्तव्यों के बारे में जानना पड़ेगा गौरव गिन्नी।"
गौरव -(उत्सुकता से)"बताइए माँ ।"
माँ -"हर स्थान पर काम सुचारु रुप से चलता रहे इसके लिए नियम बनाए गए हैं।"
गिन्नी'" क्या नियम ही कर्तव्य है ।"
माँ -"नहीं गिन्नी, नियमों का पालन करना कर्तव्य है। भारत के संविधान में नागरिकों के अधिकार और कर्तव्य दोनों लिखे हैं ।"
गिन्नी -(हाथ की गुड़िया दिखाते हुए ")जैसे मेरी डाॅली को सुंदर कपड़े पहनाकर अपना कर्तव्य निभाऊँगी तो उस पर मेरा अधिकार होगा।"
गौरव -(गुड़िया छीनते हुए)" पर डाॅली तो मेरे हाथ में है, इस पर मेरा अधिकार है।"
मां- "गौरव अधिकार नहीं डाका है यह ।तुमने वस्तु पर अधिकार का नियम तोड़ा है।'
गिन्नी -(उसे चिढ़ाते हुए) "और नियम तोड़ने वाले को जेल होती है ।समझे भैया। गिन्नी-लेकिन माँ कार वाले अंकल ने भी तो नियम तोड़ा है ।क्या मैं उनके पास जा सकती हूँ?"
(गिन्नी गौरव और माँ ऑटो से उतरकर कार वाले के पास जाते हैं गिन्नी कार वाले की शर्ट खींचते हुए कहती है ।)
गिन्नी -"अंकल सुनिए ।"
(सफेद फ्रॉक में इतनी प्यारी लड़की को देखकर कार वाला लड़ते हुए रुक जाता है और गिन्नी को देखने लगता है वहाँ खड़े सभी लोग गिन्नी को देखते हैं ।)
गिन्नी -( ट्रैफिक लाइट दिखाते हुए कहती है)" यह लाल रंग की लाइट का क्या मतलब होता है ?"
कार वाला -"धीरे से यह हमें रुकने को कहती है।"
गिन्नी-" ओ ....अब समझी। लगता है आपने नियम कि सविनय अवज्ञा की है ।"
कार वाला -(गुस्से से )"क्या मतलब ?"
गिन्नी- "मेरी अध्यापिका ने पढ़ाया था कि क्रांतिकारी नमक कानून का पालन न करने के लिए कानून का सविनय भंग करते थे।"
गौरव -"लगता है आपको भी सरकार का बनाया हुआ यह नियम गलत लगता है। तभी तो आप ने नियम तोड़ा।'
कार वाला- (बगलें झाँकते हुए )"नहीं, ऐसी बात नहीं है, नियम तो सही है ,मैं ही जल्दी में था।"
गिन्नी- "आपने नियम तोड़ा और गलत किया। फिर तो हमें आप का विरोध करना चाहिए ।"
(गिन्नी दोनों हाथ क्रॉस करके खड़ी हो जाती है। तभी गौरव सड़क पर बैठ जाता है।)
गौरव- "और यदि आपने अपनी गलती नहीं मानी तो गांधी जी की तरह मैं भी सत्याग्रह करूँगा।( वह भी बैठकर हाथ क्रॉस करता है) कार वाला- इसकी जरूरत नहीं है बच्चों ।मुझे मेरी गलती समझ में आ चुकी है।"( वह मोटरसाइकिल वाले को सॉरी बोलता है सभी राहगीर बच्चों की वाकपटुता पर हँसते हुए अपना रास्ता लेते हैं और ट्रैफिक फिर से चलने लगता है ।)
(तीनों ऑटो पर सवार होते हैं )
गौरव "-मम्मी अब मुझे समझ में आ गया कि हमारी आजादी और अधिकार तभी सुरक्षित है ,जब हम अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं नहीं तो ....हमें बुरे परिणाम भुगतने होते हैं"
गौरव-(गिन्नी को गुड़िया लौटाते हुए) "गिन्नी डॉली को तुम रखो, इसे मम्मी ने तुम्हें दिलाया है, इस पर तुम्हारा अधिकार है।"
गिन्नी -(ऑटो में फेंका हुआ टॉफी का रैपर उठाते हुए अपने फ्रॉक की जेब में रखती है और कहती है) "मैं इसे घर की कूड़ेदान में फेंक दूंगी ।यह तो हमारी धरती है न, इस पर हमारा अधिकार तभी होगा ,जब हम इसकी सुरक्षा करेंगे।"
मां (हंसते हुए )"अरे वाह! गौरव, गिन्नी तुम दोनों बात को पूरी तरह से समझ गए कि हमारे कर्तव्य ही हमें भारत का जिम्मेदार नागरिक बनाते हैं।"