लेखक : मिखाइल ज़ोशेन्का अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
चौंक पड़ी मीनू, हँस कर कहा, ”बेटा,कोई बात नहीं, यह टेढ़ा है पर हमारा अपना है।”
मेरा अनकहा प्यार मुझमें और मेरी दोस्ती उसमें आज भी सांसें ले रही है। अब मैं खुलकर हँसने लगी हूँ।
एक दिन लड़की ने आँखों में आँसू भर,... उसे तोड़ चूल्हे में झोंक दिया। यह उस प्रेम का अवसान था।
अब वो आदिमानव भी उनपे भरोसा कर रहे थे !
ज़िन्दगी में कई फैसले ज़िन्दगी बदल देते हैं और ज़िन्दगी को बदलने के लिए, जीने के लिए कई फैसले बदलने पड़ते हैं।