मेरी नानी

मेरी नानी

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दुनिया की सबसे सुंदर परी थी वो मेरी नानी थी, मिसवर्ल्ड तो क्या मिस यूनिवर्स भी, उनके आगे भर्ती पानी थी।

ब्राउन लिप्स्टिक लगाकर वो अपनी ख़ूबसूरती पर इतराती थी, आईने में ख़ुद को देखकर वो चुपके से मुस्कुराती थी। अपने लम्बे घने बालों को वो जब रेड पेंट लगे नाखूनों से सहलाती थी, दुनिया की सारी कायनात मानो उनके सामने झुक जाती थी।

तुम्हारी बड़ी बड़ी ब्राउन आँखों में वो काजल कितना सुहाता था और हाँ कान का झुमका भी तो बात बात पे टप्पे खाता था। मेरा नन्हा सा दिल उन्हें निहारा करता था,काश मैं भी नानी जैसी बन जाऊँ यही विश माँगा करता था। नानी तेरी मोरनी को मोर ले गये कहकर जब नाना उन्हें चिढ़ाते थे, उनकी नक़ल करके वो हम सबको ख़ूब हँसाती थी। आलू के पराँठे मक्खन के साथ, काले चने और चावल पेट भर के खिलाया करती थीं।

अपना हिमाचली खाना तो अपने ही हाथों से खिलाया करती थीं, घूमने का बहाना करके मुझे पिक्चर दिखाने ले जाया करती थीं। और फिर इंटेरवेल से पहले ही ख़ूब सारे स्नैक्स और कोल्ड ड्रिंक ले आया करतीं थीं।

हार्ट पेशंट थीं वो फिर भी चाट पकौड़ी खाया करतीं थीं, ढेर सारे किससे कहानियाँ सुनाकर वो मेरे उदास दिल को हँसाती थीं।

तुम्हारे क़िस्से कहानियाँ अब सब सच लगने लगे है, कितनी सरलता से मुझे ज़िन्दगी का फ़लसफ़ा पढ़ा कर

उड़ने के लिए ख़ूबसूरत पर दिए है। इंग्लिश की स्टोरीज़ पढ़ पढ़कर तुम मुझे सुनाया करती थीं और हाँ नूज़्पेपर का पेज ३ तुम पूरा ही चाट जाया करतीं थीं। नानी का घर दुनिया का सबसे सुन्दर बाग़ था, हर एक पल खिलखिलाता सा गुलाब था। मेरी नज़रों के सामने ही तुम्हारा यूँ चले जाना, आज भी याद है मुझे वो लास्ट हार्ट अटैक। वो अंतिम समय आ गया है समझ जाना तुम्हारा, आज भी याद है मुझे ऊँगली के इशारे से समझाना कि बिस्तर से उतार दो मुझे। आज भी याद है मुझे, उन बंद होती आँखों की प्यार और सच्चाई

आज भी याद है मुझे। अब तुम नहीं नानी तो क्या मुझ में तुम ही समाती हो, जब भी उलझन में होती हूँ तुम ही तो राह दिखाती हो, माँ तुमसे और मैं माँ से जन्मी हूँ तुम मुझ सी थी और मैं तुम सी बनी हूँ।


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