एकतरफा खिसका दो मेरी सारी शिकायतें एकतरफा खिसका दो मेरी सारी शिकायतें
जैसे खो जाते हैं सपने वास्तविकताओं के सख्त धरातल पर.. जैसे खो जाते हैं सपने वास्तविकताओं के सख्त धरातल पर..