सोच समझ कर क़दम बढ़ाओ, तभी सुनहरा कल होगा, मज़हब की चादर से निकलो, खुशियों का हर पल होगा हिन्द एक है... सोच समझ कर क़दम बढ़ाओ, तभी सुनहरा कल होगा, मज़हब की चादर से निकलो, खुशियों का हर ...
15 नवम्बर स्थापना दिवस और बीर बिरसा मुंडा की जयंती केअवसर पर प्रस्तुत है ये कविता 15 नवम्बर स्थापना दिवस और बीर बिरसा मुंडा की जयंती केअवसर पर प्रस्तुत है ये कवि...
एक औरत जिसका बलात्कार हुआ पति के दोस्तो द्वारा। एक औरत जिसका बलात्कार हुआ पति के दोस्तो द्वारा।