मुझ अबोली नदी की आत्मकथा को कोई समझे भी तो कैसे? मुझ अबोली नदी की आत्मकथा को कोई समझे भी तो कैसे?
ये जिंदगी थम भी जाये या चलती रहे या अंतिम पड़ाव किसने जाना है।। ये जिंदगी थम भी जाये या चलती रहे या अंतिम पड़ाव किसने जाना है।।