सेविका और सेव्य के मध्य कब प्रस्फुटित हुआ है प्रेम? सेविका और सेव्य के मध्य कब प्रस्फुटित हुआ है प्रेम?
प्रेम तेरा मन पे गढ़ती गयी, हौले हौले प्रेम में तेरे, मैं रम गई प्रेम तेरा मन पे गढ़ती गयी, हौले हौले प्रेम में तेरे, मैं रम गई
दिल तोड़कर ग़म से ही प्यार कर दिया! दिल इस क़दर मेरा आजार कर दिया। दिल तोड़कर ग़म से ही प्यार कर दिया! दिल इस क़दर मेरा आजार कर दिया।