अब थक चुकी हूँ विकसित जीव के कचरे ढोते-ढोते अब थक चुकी हूँ विकसित जीव के कचरे ढोते-ढोते
नदी सूख रही है अपनी बढ़ती उम्र की छोटी-बड़ी परेशानियों को वहन करती हुई नदी सूख रही है नदी सूख रही है अपनी बढ़ती उम्र की छोटी-बड़ी परेशानियों को वहन करती हुई नदी सूख रही...