ऐसी नादानी क्यों करती हो तुम क्यों आधी रात को जगाती सुलाती हो ऐसी नादानी क्यों करती हो तुम क्यों आधी रात को जगाती सुलाती हो
वो हम को अपने पास रोज बुलाती है। कभी हँसाती है तो कभी रुलाती है। वो हम को अपने पास रोज बुलाती है। कभी हँसाती है तो कभी रुलाती है।